Philemon (1/1) |
1. | यह ख़त मसीह ईसा के क़ैदी पौलुस और तीमुथियुस की तरफ़ से है। मैं अपने अज़ीज़ दोस्त और हमख़िदमत फ़िलेमोन को लिख रहा हूँ |
2. | और साथ साथ अपनी बहन अफ़िया, अपने हमसिपाह अर्ख़िप्पुस और उस जमाअत को जो आप के घर में जमा होती है। |
3. | ख़ुदा हमारा बाप और ख़ुदावन्द ईसा मसीह आप को फ़ज़्ल और सलामती अता करें। |
4. | जब भी मैं दुआ करता हूँ तो आप को याद करके अपने ख़ुदा का शुक्र करता हूँ। |
5. | क्यूँकि मुझे ख़ुदावन्द ईसा के बारे में आप के ईमान और आप की तमाम मुक़द्दसीन से मुहब्बत की ख़बर मिलती रहती है। |
6. | मेरी दुआ है कि आप की जो रिफ़ाक़त ईमान से पैदा हुई है वह आप में यूँ ज़ोर पकड़े कि आप को बेहतर तौर पर हर उस अच्छी चीज़ की समझ आए जो हमें मसीह में हासिल है। |
7. | भाई, आप की मुहब्बत देख कर मुझे बड़ी ख़ुशी और तसल्ली हुई है, क्यूँकि आप ने मुक़द्दसीन के दिलों को तर-ओ-ताज़ा कर दिया है। |
8. | इस वजह से मैं मसीह में इतनी दिलेरी मह्सूस करता हूँ कि आप को वह कुछ करने का हुक्म दूँ जो अब मुनासिब है। |
9. | तो भी मैं ऐसा नहीं करना चाहता बल्कि मुहब्बत की बिना पर आप से अपील ही करता हूँ। गो मैं पौलुस मसीह ईसा का एलची बल्कि अब उस का क़ैदी भी हूँ |
10. | तो भी मिन्नत करके अपने बेटे उनेसिमुस की सिफ़ारिश करता हूँ। क्यूँकि मेरे क़ैद में होते हुए वह मेरा बेटा बन गया। |
11. | पहले तो वह आप के काम नहीं आ सकता था, लेकिन अब वह आप के लिए और मेरे लिए काफ़ी मुफ़ीद साबित हुआ है । |
12. | अब मैं इस को गोया अपनी जान को आप के पास वापस भेज रहा हूँ। |
13. | असल में मैं उसे अपने पास रखना चाहता था ताकि जब तक मैं ख़ुशख़बरी की ख़ातिर क़ैद में हूँ वह आप की जगह मेरी ख़िदमत करे। |
14. | लेकिन मैं आप की इजाज़त के बग़ैर कुछ नहीं करना चाहता था। क्यूँकि मैं चाहता हूँ कि जो भी मेहरबानी आप करेंगे वह आप मज्बूर हो कर न करें बल्कि ख़ुशी से। |
15. | हो सकता है कि उनेसिमुस इस लिए कुछ देर के लिए आप से जुदा हो गया कि वह आप को हमेशा के लिए दुबारा मिल जाए। |
16. | क्यूँकि अब वह न सिर्फ़ ग़ुलाम है बल्कि ग़ुलाम से कहीं ज़ियादा। अब वह एक अज़ीज़ भाई है जो मुझे ख़ास अज़ीज़ है। लेकिन वह आप को कहीं ज़ियादा अज़ीज़ होगा, ग़ुलाम की हैसियत से भी और ख़ुदावन्द में भाई की हैसियत से भी। |
17. | ग़रज़, अगर आप मुझे अपना साथी समझें तो उसे यूँ ख़ुशआमदीद कहें जैसे मैं ख़ुद आ कर हाज़िर होता। |
18. | अगर उस ने आप को कोई नुक़्सान पहुँचाया या आप का क़र्ज़दार हुआ तो मैं इस का मुआवज़ा देने के लिए तय्यार हूँ। |
19. | यहाँ मैं पौलुस अपने ही हाथ से इस बात की तस्दीक़ करता हूँ : मैं इस का मुआवज़ा दूँगा अगरचि मुझे आप को याद दिलाने की ज़रूरत नहीं कि आप ख़ुद मेरे क़र्ज़दार हैं। क्यूँकि मेरा क़र्ज़ जो आप पर है वह आप ख़ुद हैं। |
20. | चुनाँचे मेरे भाई, मुझ पर यह मेहरबानी करें कि मुझे ख़ुदावन्द में आप से कुछ फ़ाइदा मिले। मसीह में मेरी जान को ताज़ा करें। |
21. | मैं आप की फ़रमाँबरदारी पर एतिबार करके आप को यह लिख रहा हूँ। क्यूँकि मैं जानता हूँ कि आप न सिर्फ़ मेरी सुनेंगे बल्कि इस से कहीं ज़ियादा मेरे लिए करेंगे। |
22. | एक और गुज़ारिश भी है, मेरे लिए एक कमरा तय्यार करें, क्यूँकि मुझे उम्मीद है कि आप की दुआओं के जवाब में मुझे आप को वापस दिया जाएगा। |
23. | इपफ़्रास जो मसीह ईसा में मेरे साथ क़ैदी है आप को सलाम कहता है। |
24. | इसी तरह मर्क़ुस, अरिस्तर्ख़ुस, देमास और लूक़ा भी आप को सलाम कहते हैं। |
25. | ख़ुदावन्द ईसा का फ़ज़्ल आप सब के साथ होता रहे। |
Philemon (1/1) |