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1. | अज़ीज़ो, यह अब दूसरा ख़त है जो मैं ने आप को लिख दिया है। दोनों ख़तों में मैं ने कई बातों की याद दिला कर आप के ज़हनों में पाक सोच उभारने की कोशिश की। |
2. | मैं चाहता हूँ कि आप वह कुछ याद रखें जिस की पेशगोई मुक़द्दस नबियों ने की थी और साथ साथ हमारे ख़ुदावन्द और नजातदिहन्दा का वह हुक्म भी जो आप को अपने रसूलों की मारिफ़त मिला। |
3. | अव्वल आप को यह बात समझने की ज़रूरत है कि इन आख़िरी दिनों में ऐसे लोग आएँगे जो मज़ाक़ उड़ा कर अपनी शहवतों के क़ब्ज़े में रहेंगे। |
4. | वह पूछेंगे, “ईसा ने आने का वादा तो किया, लेकिन वह कहाँ है? हमारे बापदादा तो मर चुके हैं, और दुनिया की तख़्लीक़ से ले कर आज तक सब कुछ वैसे का वैसा ही है।” |
5. | लेकिन यह लोग नज़रअन्दाज़ करते हैं कि क़दीम ज़माने में अल्लाह के हुक्म पर आस्मानों की तख़्लीक़ हुई और ज़मीन पानी में से और पानी के ज़रीए वुजूद में आई। |
6. | इसी पानी के ज़रीए क़दीम ज़माने की दुनिया पर सैलाब आया और सब कुछ तबाह हुआ। |
7. | और अल्लाह के इसी हुक्म ने मौजूदा आस्मान और ज़मीन को आग के लिए मह्फ़ूज़ कर रखा है, उस दिन के लिए जब बेदीन लोगों की अदालत की जाएगी और वह हलाक हो जाएँगे। |
8. | लेकिन मेरे अज़ीज़ो, एक बात आप से पोशीदा न रहे। ख़ुदावन्द के नज़्दीक एक दिन हज़ार साल के बराबर है और हज़ार साल एक दिन के बराबर। |
9. | ख़ुदावन्द अपना वादा पूरा करने में देर नहीं करता जिस तरह कुछ लोग समझते हैं बल्कि वह तो आप की ख़ातिर सब्र कर रहा है। क्यूँकि वह नहीं चाहता कि कोई हलाक हो जाए बल्कि यह कि सब तौबा की नौबत तक पहुँचें। |
10. | लेकिन ख़ुदावन्द का दिन चोर की तरह आएगा। आस्मान बड़े शोर के साथ ख़त्म हो जाएँगे, अज्राम-ए-फ़लकी आग में पिघल जाएँगे और ज़मीन उस के कामों समेत ज़ाहिर हो कर अदालत में पेश की जाएगी। |
11. | अब सोचें, अगर सब कुछ इस तरह ख़त्म हो जाएगा तो फिर आप किस क़िस्म के लोग होने चाहिएँ? आप को मुक़द्दस और ख़ुदातरस ज़िन्दगी गुज़ारते हुए |
12. | अल्लाह के दिन की राह देखनी चाहिए। हाँ, आप को यह कोशिश करनी चाहिए कि वह दिन जल्दी आए जब आस्मान जल जाएँगे और अज्राम-ए-फ़लकी आग में पिघल जाएँगे। |
13. | लेकिन हम उन नए आस्मानों और नई ज़मीन के इन्तिज़ार में हैं जिस का वादा अल्लाह ने किया है। और वहाँ रास्ती सुकूनत करेगी। |
14. | चुनाँचे अज़ीज़ो, चूँकि आप इस इन्तिज़ार में हैं इस लिए पूरी लगन के साथ कोशाँ रहें कि आप अल्लाह के नज़्दीक बेदाग़ और बेइल्ज़ाम ठहरें और आप की उस के साथ सुलह हो। |
15. | याद रखें कि हमारे ख़ुदावन्द का सब्र लोगों को नजात पाने का मौक़ा देता है। हमारे अज़ीज़ भाई पौलुस ने भी उस हिक्मत के मुताबिक़ जो अल्लाह ने उसे अता की है आप को यही कुछ लिखा है। |
16. | वह यही कुछ अपने तमाम ख़तों में लिखता है जब वह इस मज़्मून का ज़िक्र करता है। उस के ख़तों में कुछ ऐसी बातें हैं जो समझने में मुश्किल हैं और जिन्हें जाहिल और कमज़ोर लोग तोड़-मरोड़ कर बयान करते हैं, बिलकुल उसी तरह जिस तरह वह बाक़ी सहीफ़ों के साथ भी करते हैं। लेकिन इस से वह अपने आप को ही हलाक कर रहे हैं। |
17. | मेरे अज़ीज़ो, मैं आप को वक़्त से पहले इन बातों से आगाह कर रहा हूँ। इस लिए ख़बरदार रहें ताकि बेउसूल लोगों की ग़लत सोच आप को बहका कर आप को मह्फ़ूज़ मक़ाम से हटा न दे। |
18. | इस के बजाय हमारे ख़ुदावन्द और नजातदिहन्दा ईसा मसीह के फ़ज़्ल और इल्म में तरक़्क़ी करते रहें। उसे अब और अबद तक जलाल हासिल होता रहे! आमीन। |
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