Ruth (4/4)    

1. बोअज़ शहर के दरवाज़े के पास जा कर बैठ गया जहाँ बुज़ुर्ग फ़ैसले किया करते थे। कुछ देर के बाद वह रिश्तेदार वहाँ से गुज़रा जिस का ज़िक्र बोअज़ ने रूत से किया था। बोअज़ उस से मुख़ातिब हुआ, “दोस्त, इधर आएँ। मेरे पास बैठ जाएँ।” रिश्तेदार उस के पास बैठ गया
2. तो बोअज़ ने शहर के दस बुज़ुर्गों को भी साथ बिठाया।
3. फिर उस ने रिश्तेदार से बात की, “नओमी मुल्क-ए-मोआब से वापस आ कर अपने शौहर इलीमलिक की ज़मीन फ़रोख़्त करना चाहती है।
4. यह ज़मीन हमारे ख़ान्दान का मौरूसी हिस्सा है, इस लिए मैं ने मुनासिब समझा कि आप को इत्तिला दूँ ताकि आप यह ज़मीन ख़रीद लें। बैत-लहम के बुज़ुर्ग और साथ बैठे राहनुमा इस के गवाह होंगे। लाज़िम है कि यह ज़मीन हमारे ख़ान्दान का हिस्सा रहे, इस लिए बताएँ कि क्या आप इसे ख़रीद कर छुड़ाएँगे? आप का सब से क़रीबी रिश्ता है, इस लिए यह आप ही का हक़ है। अगर आप ज़मीन ख़रीदना न चाहें तो यह मेरा हक़ बनेगा।” रिश्तेदार ने जवाब दिया, “ठीक है, मैं इसे ख़रीद कर छुड़ाऊँगा।”
5. फिर बोअज़ बोला, “अगर आप नओमी से ज़मीन खरीदें तो आप को उस की मोआबी बहू रूत से शादी करनी पड़ेगी ताकि मर्हूम शौहर की जगह औलाद पैदा करें जो उस का नाम रख कर यह ज़मीन सँभालें।”
6. यह सुन कर रिश्तेदार ने कहा, “फिर मैं इसे ख़रीदना नहीं चाहता, क्यूँकि ऐसा करने से मेरी मौरूसी ज़मीन को नुक़्सान पहुँचेगा। आप ही इसे ख़रीद कर छुड़ाएँ।”
7. उस ज़माने में अगर ऐसे किसी मुआमले में कोई ज़मीन ख़रीदने का अपना हक़ किसी दूसरे को मुन्तक़िल करना चाहता था तो वह अपनी चप्पल उतार कर उसे दे देता था। इस तरीक़े से फ़ैसला क़ानूनी तौर पर तै हो जाता था।
8. चुनाँचे रूत के ज़ियादा क़रीबी रिश्तेदार ने अपनी चप्पल उतार कर बोअज़ को दे दी और कहा, “आप ही ज़मीन को ख़रीद लें।”
9. तब बोअज़ ने बुज़ुर्गों और बाक़ी लोगों के सामने एलान किया, “आज आप गवाह हैं कि मैं ने नओमी से सब कुछ ख़रीद लिया है जो उस के मर्हूम शौहर इलीमलिक और उस के दो बेटों किल्योन और महलोन का था।
10. साथ ही मैं ने महलोन की बेवा मोआबी औरत रूत से शादी करने का वादा किया है ताकि महलोन के नाम से बेटा पैदा हो। यूँ मर्हूम की मौरूसी ज़मीन ख़ान्दान से छिन नहीं जाएगी, और उस का नाम हमारे ख़ान्दान और बैत-लहम के बाशिन्दों में क़ाइम रहेगा। आज आप सब गवाह हैं!”
11. बुज़ुर्गों और शहर के दरवाज़े पर बैठे दीगर मर्दों ने इस की तस्दीक़ की, “हम गवाह हैं! रब्ब आप के घर में आने वाली इस औरत को उन बर्कतों से नवाज़े जिन से उस ने राख़िल और लियाह को नवाज़ा, जिन से तमाम इस्राईली निकले। रब्ब करे कि आप की दौलत और इज़्ज़त इफ़्राता यानी बैत-लहम में बढ़ती जाए।
12. वह आप और आप की बीवी को उतनी औलाद बख़्शे जितनी तमर और यहूदाह के बेटे फ़ारस के ख़ान्दान को बख़्शी थी।”
13. चुनाँचे रूत बोअज़ की बीवी बन गई। और रब्ब की मर्ज़ी से रूत शादी के बाद हामिला हुई। जब उस के बेटा हुआ
14. तो बैत-लहम की औरतों ने नओमी से कहा, “रब्ब की तम्जीद हो! आप को यह बच्चा अता करने से उस ने ऐसा शख़्स मुहय्या किया है जो आप का ख़ान्दान सँभालेगा । अल्लाह करे कि उस की शुहरत पूरे इस्राईल में फैल जाए।
15. उस से आप ताज़ादम हो जाएँगी, और बुढ़ापे में वह आप को सहारा देगा। क्यूँकि आप की बहू जो आप को पियार करती है और जिस की क़दर-ओ-क़ीमत सात बेटों से बढ़ कर है उसी ने उसे जन्म दिया है!”
16. नओमी बच्चे को अपनी गोद में बिठा कर उसे पालने लगी।
17. पड़ोसी औरतों ने उस का नाम ओबेद यानी ख़िदमत करने वाला रखा। उन्हों ने कहा, “नओमी के हाँ बेटा पैदा हुआ है!” ओबेद दाऊद बादशाह के बाप यस्सी का बाप था।
18. ज़ैल में फ़ारस का दाऊद तक नसबनामा है : फ़ारस, हस्रोन,
19. राम, अम्मीनदाब,
20. नह्सोन, सल्मोन,
21. बोअज़, ओबेद,
22. यस्सी और दाऊद।

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