Revelation (5/22)  

1. फिर मैं ने तख़्त पर बैठने वाले के दहने हाथ में एक तूमार देखा जिस पर दोनों तरफ़ लिखा हुआ था और जिस पर सात मुहरें लगी थीं।
2. और मैं ने एक ताक़तवर फ़रिश्ता देखा जिस ने ऊँची आवाज़ से एलान किया, “कौन मुहरों को तोड़ कर तूमार को खोलने के लाइक़ है?”
3. लेकिन न आस्मान पर, न ज़मीन पर और न ज़मीन के नीचे कोई था जो तूमार को खोल कर उस में नज़र डाल सकता।
4. मैं ख़ूब रो पड़ा, क्यूँकि कोई इस लाइक़ न पाया गया कि वह तूमार को खोल कर उस में नज़र डाल सकता।
5. लेकिन बुज़ुर्गों में से एक ने मुझ से कहा, “मत रो। देख, यहूदाह क़बीले के शेरबबर और दाऊद की जड़ ने फ़त्ह पाई है, और वही तूमार की सात मुहरों को खोल सकता है।”
6. फिर मैं ने एक लेला देखा जो तख़्त के दर्मियान खड़ा था। वह चार जानदारों और बुज़ुर्गों से घिरा हुआ था और यूँ लगता था कि उसे ज़बह किया गया हो। उस के सात सींग और सात आँखें थीं। इन से मुराद अल्लाह की वह सात रूहें हैं जिन्हें दुनिया की हर जगह भेजा गया है।
7. लेले ने आ कर तख़्त पर बैठने वाले के दहने हाथ से तूमार को ले लिया।
8. और लेते वक़्त चार जानदार और 24 बुज़ुर्ग लेले के सामने मुँह के बल गिर गए। हर एक के पास एक सरोद और बख़ूर से भरे सोने के पियाले थे। इन से मुराद मुक़द्दसीन की दुआएँ हैं।
9. साथ साथ वह एक नया गीत गाने लगे, “तू तूमार को ले कर उस की मुहरों को खोलने के लाइक़ है। क्यूँकि तुझे ज़बह किया गया, और अपने ख़ून से तू ने लोगों को हर क़बीले, हर अहल-ए-ज़बान, हर मिल्लत और हर क़ौम से अल्लाह के लिए ख़रीद लिया है।
10. तू ने उन्हें शाही इख़तियार दे कर हमारे ख़ुदा के इमाम बना दिया है। और वह दुनिया में हुकूमत करेंगे।”
11. मैं ने दुबारा देखा तो बेशुमार फ़रिश्तों की आवाज़ सुनी। वह तख़्त, चार जानदारों और बुज़ुर्गों के इर्दगिर्द खड़े
12. ऊँची आवाज़ से कह रहे थे, “लाइक़ है वह लेला जो ज़बह किया गया है। वह क़ुद्रत, दौलत, हिक्मत और ताक़त, इज़्ज़त, जलाल और सिताइश पाने के लाइक़ है।”
13. फिर मैं ने आस्मान पर, ज़मीन पर, ज़मीन के नीचे और समुन्दर की हर मख़्लूक़ की आवाज़ें सुनीं। हाँ, काइनात की सब मख़्लूक़ात यह गा रहे थे, “तख़्त पर बैठने वाले और लेले की सिताइश और इज़्ज़त, जलाल और क़ुद्रत अज़ल से अबद तक रहे।”
14. चार जानदारों ने जवाब में “आमीन” कहा, और बुज़ुर्गों ने गिर कर सिज्दा किया।

  Revelation (5/22)