Revelation (19/22)  

1. इस के बाद मैं ने आस्मान पर एक बड़े हुजूम की सी आवाज़ सुनी जिस ने कहा, “अल्लाह की तम्जीद हो! नजात, जलाल और क़ुद्रत हमारे ख़ुदा को हासिल है।
2. क्यूँकि उस की अदालतें सच्ची और रास्त हैं। उस ने उस बड़ी कस्बी को मुज्रिम ठहराया है जिस ने ज़मीन को अपनी ज़िनाकारी से बिगाड़ दिया। उस ने उस से अपने ख़ादिमों की क़त्ल-ओ-ग़ारत का बदला ले लिया है।”
3. और वह दुबारा बोल उठे, “अल्लाह की तम्जीद हो! इस शहर का धुआँ अबद तक चढ़ता रहता है।”
4. चौबीस बुज़ुर्गों और चार जानदारों ने गिर कर तख़्त पर बैठे अल्लाह को सिज्दा किया। उन्हों ने कहा, “आमीन, अल्लाह की तम्जीद हो।”
5. फिर तख़्त की तरफ़ से एक आवाज़ सुनाई दी। उस ने कहा, “ऐ उस के तमाम ख़ादिमो, हमारे ख़ुदा की तम्जीद करो। ऐ उस का ख़ौफ़ मानने वालो, ख़्वाह बड़े हो या छोटे उस की सिताइश करो।”
6. फिर मैं ने एक बड़े हुजूम की सी आवाज़ सुनी, जो बड़ी आबशार के शोर और गरजते बादलों की कड़क की मानिन्द थी। इन लोगों ने कहा, “अल्लाह की तम्जीद हो! क्यूँकि हमारा रब्ब क़ादिर-ए-मुतलक़ ख़ुदा तख़्तनशीन हो गया है।
7. आओ, हम मसरूर हों, ख़ुशी मनाएँ और उसे जलाल दें, क्यूँकि लेले की शादी का वक़्त आ गया है। उस की दुल्हन ने अपने आप को तय्यार कर लिया है,
8. और उसे पहनने के लिए बारीक कतान का चमकता और पाक-साफ़ लिबास दे दिया गया।” (बारीक कतान से मुराद मुक़द्दसीन के रास्त काम हैं।)
9. फिर फ़रिश्ते ने मुझ से कहा, “लिख, मुबारक हैं वह जिन्हें लेले की शादी की ज़ियाफ़त के लिए दावत मिल गई है।” उस ने मज़ीद कहा, “यह अल्लाह के सच्चे अल्फ़ाज़ हैं।”
10. इस पर मैं उसे सिज्दा करने के लिए उस के पाँओ में गिर गया। लेकिन उस ने मुझ से कहा, “ऐसा मत कर! मैं भी तेरा और तेरे उन भाइयों का हमख़िदमत हूँ जो ईसा की गवाही देने पर क़ाइम हैं। सिर्फ़ अल्लाह को सिज्दा कर। क्यूँकि जो ईसा के बारे में गवाही देता है वह यह नुबुव्वत की रूह में करता है।”
11. फिर मैं ने आस्मान को खुला देखा। एक सफ़ेद घोड़ा नज़र आया जिस के सवार का नाम “वफ़ादार और सच्चा” है, क्यूँकि वह इन्साफ़ से अदालत और जंग करता है।
12. उस की आँखें भड़कते शोले की मानिन्द हैं और उस के सर पर बहुत से ताज हैं। उस पर एक नाम लिखा है जिसे सिर्फ़ वही जानता है, कोई और उसे नहीं जानता।
13. वह एक लिबास से मुलब्बस था जिसे ख़ून में डुबोया गया था। उस का नाम “अल्लाह का कलाम” है।
14. आस्मान की फ़ौजें उस के पीछे पीछे चल रही थीं। सब सफ़ेद घोड़ों पर सवार थे और बारीक कतान के चमकते और पाक-साफ़ कपड़े पहने हुए थे।
15. उस के मुँह से एक तेज़ तल्वार निकलती है जिस से वह क़ौमों को मार देगा। वह लोहे के शाही असा से उन पर हुकूमत करेगा। हाँ, वह अंगूर का रस निकालने के हौज़ में उन्हें कुचल डालेगा। यह हौज़ क्या है? अल्लाह क़ादिर-ए-मुतलक़ का सख़्त ग़ज़ब।
16. उस के लिबास और रान पर यह नाम लिखा है, “बादशाहों का बादशाह और रब्बों का रब्ब।”
17. फिर मैं ने एक फ़रिश्ता सूरज पर खड़ा देखा। उस ने ऊँची आवाज़ से पुकार कर उन तमाम परिन्दों से जो मेरे सर पर मंडला रहे थे कहा, “आओ, अल्लाह की बड़ी ज़ियाफ़त के लिए जमा हो जाओ।
18. फिर तुम बादशाहों, जरनैलों, बड़े बड़े अफ़्सरों, घोड़ों और उन के सवारों का गोश्त खाओगे, हाँ तमाम लोगों का गोश्त, ख़्वाह आज़ाद हों या ग़ुलाम, छोटे हों या बड़े।”
19. फिर मैं ने हैवान और बादशाहों को उन की फ़ौजों समेत देखा। वह घोड़े पर “अल्लाह का कलाम” नामी सवार और उस की फ़ौज से जंग करने के लिए जमा हुए थे।
20. लेकिन हैवान को गिरिफ़्तार किया गया। उस के साथ उस झूटे नबी को भी गिरिफ़्तार किया गया जिस ने हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाए थे। इन मोजिज़ों के वसीले से उस ने उन को फ़रेब दिया था जिन्हें हैवान का निशान मिल गया था और जो उस के मुजस्समे को सिज्दा करते थे। दोनों को जलती हुई गंधक की शोलाख़ेज़ झील में फैंका गया।
21. बाक़ी लोगों को उस तल्वार से मार डाला गया जो घोड़े पर सवार के मुँह से निकलती थी। और तमाम परिन्दे लाशों का गोश्त खा कर सेर हो गए।

  Revelation (19/22)