Revelation (13/22)  

1. फिर मैं ने देखा कि समुन्दर में से एक हैवान निकल रहा है। उस के सात सींग और सात सर थे। हर सींग पर एक ताज और हर सर पर कुफ़्र का एक नाम था।
2. यह हैवान चीते की मानिन्द था। लेकिन उस के रीछ के से पाँओ और शेरबबर का सा मुँह था। अझ़्दहे ने इस हैवान को अपनी क़ुव्वत, अपना तख़्त और बड़ा इख़तियार दे दिया।
3. लगता था कि हैवान के सरों में से एक पर लाइलाज ज़ख़्म लगा है। लेकिन इस ज़ख़्म को शिफ़ा दी गई। पूरी दुनिया यह देख कर हैरतज़दा हुई और हैवान के पीछे लग गई।
4. लोगों ने अझ़्दहे को सिज्दा किया, क्यूँकि उसी ने हैवान को इख़तियार दिया था। और उन्हों ने यह कह कर हैवान को भी सिज्दा किया, “कौन इस हैवान की मानिन्द है? कौन इस से लड़ सकता है?”
5. इस हैवान को बड़ी बड़ी बातें और कुफ़्र बकने का इख़तियार दिया गया। और उसे यह करने का इख़तियार 42 महीने के लिए मिल गया।
6. यूँ वह अपना मुँह खोल कर अल्लाह, उस के नाम, उस की सुकूनतगाह और आस्मान के बाशिन्दों पर कुफ़्र बकने लगा।
7. उसे मुक़द्दसीन से जंग करके उन पर फ़त्ह पाने का इख़तियार भी दिया गया। और उसे हर क़बीले, हर उम्मत, हर ज़बान और हर क़ौम पर इख़तियार दिया गया।
8. ज़मीन के तमाम बाशिन्दे इस हैवान को सिज्दा करेंगे यानी वह सब जिन के नाम दुनिया की इबतिदा से लेले की किताब-ए-हयात में दर्ज नहीं हैं, उस लेले की किताब में जो ज़बह किया गया है।
9. जो सुन सकता है वह सुन ले!
10. अगर किसी को क़ैदी बनना है तो वह क़ैदी ही बनेगा। अगर किसी को तल्वार की ज़द में आ कर मरना है तो वह ऐसे ही मरेगा। अब मुक़द्दसीन को साबितक़दमी और वफ़ादार ईमान की ख़ास ज़रूरत है।
11. फिर मैं ने एक और हैवान को देखा। वह ज़मीन में से निकल रहा था। उस के लेले के से दो सींग थे, लेकिन उस के बोलने का अन्दाज़ अझ़्दहे का सा था।
12. उस ने पहले हैवान का पूरा इख़तियार उस की ख़ातिर इस्तेमाल करके ज़मीन और उस के बाशिन्दों को पहले हैवान को सिज्दा करने पर उकसाया, यानी उस हैवान को जिस का लाइलाज ज़ख़्म भर गया था।
13. और उस ने बड़े मोजिज़ाना निशान दिखाए, यहाँ तक कि उस ने लोगों के देखते देखते आस्मान से ज़मीन पर आग नाज़िल होने दी।
14. यूँ उसे पहले हैवान की ख़ातिर मोजिज़ाना निशान दिखाने का इख़तियार दिया गया, और इन के ज़रीए उस ने ज़मीन के बाशिन्दों को सहीह राह से बहकाया। उस ने उन्हें कहा कि वह उस हैवान की ताज़ीम में एक मुजस्समा बना दें जो तल्वार से ज़ख़्मी होने के बावुजूद दुबारा ज़िन्दा हुआ था।
15. फिर उसे पहले हैवान के मुजस्समे में जान डालने का इख़तियार दिया गया ताकि मुजस्समा बोल सके और उन्हें क़त्ल करवा सके जो उसे सिज्दा करने से इन्कार करते थे।
16. उस ने यह भी करवाया कि हर एक के दहने हाथ या माथे पर एक ख़ास निशान लगाया जाए, ख़्वाह वह छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या ग़रीब, आज़ाद हो या ग़ुलाम।
17. सिर्फ़ वह शख़्स कुछ ख़रीद या बेच सकता था जिस पर यह निशान लगा था। यह निशान हैवान का नाम या उस के नाम का नम्बर था।
18. यहाँ हिक्मत की ज़रूरत है। जो समझदार है वह हैवान के नम्बर का हिसाब करे, क्यूँकि यह एक मर्द का नम्बर है। उस का नम्बर 666 है।

  Revelation (13/22)