Revelation (1/22) → |
1. | यह ईसा मसीह की तरफ़ से मुकाशफ़ा है जो अल्लाह ने उसे अता किया ताकि वह अपने ख़ादिमों को वह कुछ दिखाए जिसे जल्द ही पेश आना है। उस ने अपने फ़रिश्ते को भेज कर यह मुकाशफ़ा अपने ख़ादिम यूहन्ना तक पहुँचा दिया। |
2. | और जो कुछ भी यूहन्ना ने देखा है उस की गवाही उस ने दी है, ख़्वाह अल्लाह का कलाम हो या ईसा मसीह की गवाही। |
3. | मुबारक है वह जो इस नुबुव्वत की तिलावत करता है। हाँ, मुबारक हैं वह जो सुन कर अपने दिलों में इस किताब में दर्ज बातें मह्फ़ूज़ रखते हैं, क्यूँकि यह जल्द ही पूरी हो जाएँगी। |
4. | यह ख़त यूहन्ना की तरफ़ से सूबा आसिया की सात जमाअतों के लिए है। आप को अल्लाह की तरफ़ से फ़ज़्ल और सलामती हासिल रहे, उस की तरफ़ से जो है, जो था और जो आने वाला है, उन सात रूहों की तरफ़ से जो उस के तख़्त के सामने होती हैं, |
5. | और ईसा मसीह की तरफ़ से यानी उस से जो इन बातों का वफ़ादार गवाह, मुर्दों में से पहला जी उठने वाला और दुनिया के बादशाहों का सरदार है। उस की तम्जीद हो जो हमें पियार करता है, जिस ने अपने ख़ून से हमें हमारे गुनाहों से ख़लासी बख़्शी है |
6. | और जिस ने हमें शाही इख़तियार दे कर अपने ख़ुदा और बाप के इमाम बना दिया है। उसे अज़ल से अबद तक जलाल और क़ुद्रत हासिल रहे! आमीन। |
7. | देखें, वह बादलों के साथ आ रहा है। हर एक उसे देखेगा, वह भी जिन्हों ने उसे छेदा था। और दुनिया की तमाम क़ौमें उसे देख कर आह-ओ-ज़ारी करेंगी। हाँ, ऐसा ही हो! आमीन। |
8. | रब्ब ख़ुदा फ़रमाता है, “मैं अव्वल और आख़िर हूँ, वह जो है, जो था और जो आने वाला है, यानी क़ादिर-ए-मुतलक़ ख़ुदा।” |
9. | मैं यूहन्ना आप का भाई और शरीक-ए-हाल हूँ। मुझ पर भी आप की तरह ज़ुल्म किया जा रहा है। मैं आप के साथ अल्लाह की बादशाही में शरीक हूँ और ईसा में आप के साथ साबितक़दम रहता हूँ। मुझे अल्लाह का कलाम सुनाने और ईसा के बारे में गवाही देने की वजह से इस जज़ीरे में जो पत्मुस कहलाता है छोड़ दिया गया। |
10. | रब्ब के दिन यानी इत्वार को मैं रूह-उल-क़ुद्स की गिरिफ़्त में आ गया और मैं ने अपने पीछे तुरम की सी एक ऊँची आवाज़ सुनी। |
11. | उस ने कहा, “जो कुछ तू देख रहा है उसे एक किताब में लिख कर उन सात जमाअतों को भेज देना जो इफ़िसुस, स्मुर्ना, पिर्गमुन, थुआतीरा, सर्दीस, फ़िलदिल्फ़िया और लौदीकिया में हैं।” |
12. | मैं ने बोलने वाले को देखने के लिए अपने पीछे नज़र डाली तो सोने के सात शमादान देखे। |
13. | इन शमादानों के दर्मियान कोई खड़ा था जो इब्न-ए-आदम की मानिन्द था। उस ने पाँओ तक का लम्बा चोग़ा पहन रखा था और सीने पर सोने का सीनाबन्द बाँधा हुआ था। |
14. | उस का सर और बाल ऊन या बर्फ़ जैसे सफ़ेद थे और उस की आँखें आग के शोले की मानिन्द थीं। |
15. | उस के पाँओ भट्टे में दमकते पीतल की मानिन्द थे और उस की आवाज़ आबशार के शोर जैसी थी। |
16. | अपने दहने हाथ में उस ने सात सितारे थाम रखे थे और उस के मुँह से एक तेज़ और दोधारी तल्वार निकल रही थी। उस का चिहरा पूरे ज़ोर से चमकने वाले सूरज की तरह चमक रहा था। |
17. | उसे देखते ही मैं उस के पाँओ में गिर गया। मैं मुर्दा सा था। फिर उस ने अपना दहना हाथ मुझ पर रख कर कहा, “मत डर। मैं अव्वल और आख़िर हूँ। |
18. | मैं वह हूँ जो ज़िन्दा है। मैं तो मर गया था लेकिन अब देख, मैं अबद तक ज़िन्दा हूँ। और मौत और पाताल की कुंजियाँ मेरे हाथ में हैं। |
19. | चुनाँचे जो कुछ तू ने देखा है, जो अभी है और जो आइन्दा होगा उसे लिख दे। |
20. | मेरे दहने हाथ में सात सितारों और सात शमादानों का पोशीदा मतलब यह है : यह सात सितारे आसिया की सात जमाअतों के फ़रिश्ते हैं, और यह सात शमादान यह सात जमाअतें हैं। |
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