Psalms (98/150)  

1. रब्ब की तम्जीद में नया गीत गाओ, क्यूँकि उस ने मोजिज़े किए हैं। अपने दहने हाथ और मुक़द्दस बाज़ू से उस ने नजात दी है।
2. रब्ब ने अपनी नजात का एलान किया और अपनी रास्ती क़ौमों के रू-ब-रू ज़ाहिर की है।
3. उस ने इस्राईल के लिए अपनी शफ़्क़त और वफ़ा याद की है। दुनिया की इन्तिहाओं ने सब हमारे ख़ुदा की नजात देखी है।
4. ऐ पूरी दुनिया, नारे लगा कर रब्ब की मद्हसराई करो! आपे में न समाओ और जश्न मना कर हम्द के गीत गाओ!
5. सरोद बजा कर रब्ब की मद्हसराई करो, सरोद और गीत से उस की सिताइश करो।
6. तुरम और नरसिंगा फूँक कर रब्ब बादशाह के हुज़ूर ख़ुशी के नारे लगाओ!
7. समुन्दर और जो कुछ उस में है, दुनिया और उस के बाशिन्दे ख़ुशी से गरज उठें।
8. दरया तालियाँ बजाएँ, पहाड़ मिल कर ख़ुशी मनाएँ,
9. वह रब्ब के सामने ख़ुशी मनाएँ। क्यूँकि वह ज़मीन की अदालत करने आ रहा है। वह इन्साफ़ से दुनिया की अदालत करेगा, रास्ती से क़ौमों का फ़ैसला करेगा।

  Psalms (98/150)