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1. | दाऊद का ज़बूर। मूसीक़ी के राहनुमा के लिए। याददाश्त के लिए। ऐ अल्लाह, जल्दी से आ कर मुझे बचा! ऐ रब्ब, मेरी मदद करने में जल्दी कर! |
2. | मेरे जानी दुश्मन शर्मिन्दा हो जाएँ, उन की सख़्त रुस्वाई हो जाए। जो मेरी मुसीबत देखने से लुत्फ़ उठाते हैं वह पीछे हट जाएँ, उन का मुँह काला हो जाए। |
3. | जो मेरी मुसीबत देख कर क़ह्क़हा लगाते हैं वह शर्म के मारे पुश्त दिखाएँ। |
4. | लेकिन तेरे तालिब शादमान हो कर तेरी ख़ुशी मनाएँ। जिन्हें तेरी नजात पियारी है वह हमेशा कहें, “अल्लाह अज़ीम है!” |
5. | लेकिन मैं नाचार और मुह्ताज हूँ। ऐ अल्लाह, जल्दी से मेरे पास आ! तू ही मेरा सहारा और मेरा नजातदिहन्दा है। ऐ रब्ब, देर न कर! |
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