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1. | दाऊद का ज़बूर। यह उस वक़्त से मुताल्लिक़ है जब वह यहूदाह के रेगिस्तान में था। ऐ अल्लाह, तू मेरा ख़ुदा है जिसे मैं ढूँडता हूँ। मेरी जान तेरी पियासी है, मेरा पूरा जिस्म तेरे लिए तरसता है। मैं उस ख़ुश्क और निढाल मुल्क की मानिन्द हूँ जिस में पानी नहीं है। |
2. | चुनाँचे मैं मक़्दिस में तुझे देखने के इन्तिज़ार में रहा ताकि तेरी क़ुद्रत और जलाल का मुशाहदा करूँ। |
3. | क्यूँकि तेरी शफ़्क़त ज़िन्दगी से कहीं बेहतर है, मेरे होंट तेरी मद्हसराई करेंगे। |
4. | चुनाँचे मैं जीते जी तेरी सिताइश करूँगा, तेरा नाम ले कर अपने हाथ उठाऊँगा। |
5. | मेरी जान उम्दा ग़िज़ा से सेर हो जाएगी, मेरा मुँह ख़ुशी के नारे लगा कर तेरी हम्द-ओ-सना करेगा। |
6. | बिस्तर पर मैं तुझे याद करता, पूरी रात के दौरान तेरे बारे में सोचता रहता हूँ। |
7. | क्यूँकि तू मेरी मदद करने आया, और मैं तेरे परों के साय में ख़ुशी के नारे लगाता हूँ। |
8. | मेरी जान तेरे साथ लिपटी रहती, और तेरा दहना हाथ मुझे सँभालता है। |
9. | लेकिन जो मेरी जान लेने पर तुले हुए हैं वह तबाह हो जाएँगे, वह ज़मीन की गहराइयों में उतर जाएँगे। |
10. | उन्हें तल्वार के हवाले किया जाएगा, और वह गीदड़ों की ख़ुराक बन जाएँगे। |
11. | लेकिन बादशाह अल्लाह की ख़ुशी मनाएगा। जो भी अल्लाह की क़सम खाता है वह फ़ख़र करेगा, क्यूँकि झूट बोलने वालों के मुँह बन्द हो जाएँगे। |
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