Psalms (148/150)  

1. रब्ब की हम्द हो! आस्मान से रब्ब की सिताइश करो, बुलन्दियों पर उस की तम्जीद करो!
2. ऐ उस के तमाम फ़रिश्तो, उस की हम्द करो! ऐ उस के तमाम लश्करो, उस की तारीफ़ करो!
3. ऐ सूरज और चाँद, उस की हम्द करो! ऐ तमाम चमकदार सितारो, उस की सिताइश करो!
4. ऐ बुलन्दतरीन आस्मानो और आस्मान के ऊपर के पानी, उस की हम्द करो!
5. वह रब्ब के नाम की सिताइश करें, क्यूँकि उस ने फ़रमाया तो वह वुजूद में आए।
6. उस ने नाक़ाबिल-ए-मन्सूख़ फ़रमान जारी करके उन्हें हमेशा के लिए क़ाइम किया है।
7. ऐ समुन्दर के अझ़्दहाओ और तमाम गहराइयो, ज़मीन से रब्ब की तम्जीद करो!
8. ऐ आग, ओलो, बर्फ़, धुन्द और उस के हुक्म पर चलने वाली आँधियो, उस की हम्द करो!
9. ऐ पहाड़ो और पहाड़ियो, फलदार दरख़तो और तमाम देओदारो, उस की तारीफ़ करो!
10. ऐ जंगली जानवरो, मवीशियो, रेंगने वाली मख़्लूक़ात और परनदो, उस की हम्द करो!
11. ऐ ज़मीन के बादशाहो और तमाम क़ौमो, सरदारो और ज़मीन के तमाम हुक्मरानो, उस की तम्जीद करो!
12. ऐ नौजवानो और कुंवारियो, बुज़ुर्गो और बच्चो, उस की हम्द करो!
13. सब रब्ब के नाम की सिताइश करें, क्यूँकि सिर्फ़ उसी का नाम अज़ीम है, उस की अज़्मत आस्मान-ओ-ज़मीन से आला है।
14. उस ने अपनी क़ौम को सरफ़राज़ करके अपने तमाम ईमानदारों की शुहरत बढ़ाई है, यानी इस्राईलियों की शुहरत, उस क़ौम की जो उस के क़रीब रहती है। रब्ब की हम्द हो!

  Psalms (148/150)