Psalms (136/150)  

1. रब्ब का शुक्र करो, क्यूँकि वह भला है, और उस की शफ़्क़त अबदी है।
2. ख़ुदाओं के ख़ुदा का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
3. मालिकों के मालिक का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
4. जो अकेला ही अज़ीम मोजिज़े करता है उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
5. जिस ने हिक्मत के साथ आस्मान बनाया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
6. जिस ने ज़मीन को मज़्बूती से पानी के ऊपर लगा दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
7. जिस ने आस्मान की रौशनियों को ख़लक़ किया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
8. जिस ने सूरज को दिन के वक़्त हुकूमत करने के लिए बनाया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
9. जिस ने चाँद और सितारों को रात के वक़्त हुकूमत करने के लिए बनाया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
10. जिस ने मिस्र में पहलौठों को मार डाला उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
11. जो इस्राईल को मिस्रियों में से निकाल लाया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
12. जिस ने उस वक़्त बड़ी ताक़त और क़ुद्रत का इज़्हार किया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
13. जिस ने बहर-ए-क़ुल्ज़ुम को दो हिस्सों में तक़्सीम कर दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
14. जिस ने इस्राईल को उस के बीच में से गुज़रने दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
15. जिस ने फ़िरऔन और उस की फ़ौज को बहर-ए-क़ुल्ज़ुम में बहा कर ग़र्क़ कर दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
16. जिस ने रेगिस्तान में अपनी क़ौम की क़ियादत की उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
17. जिस ने बड़े बादशाहों को शिकस्त दी उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
18. जिस ने ताक़तवर बादशाहों को मार डाला उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
19. जिस ने अमोरियों के बादशाह सीहोन को मौत के घाट उतारा उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
20. जिस ने बसन के बादशाह ओज को हलाक कर दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
21. जिस ने उन का मुल्क इस्राईल को मीरास में दिया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
22. जिस ने उन का मुल्क अपने ख़ादिम इस्राईल की मौरूसी मिल्कियत बनाया उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
23. जिस ने हमारा ख़याल किया जब हम ख़ाक में दब गए थे उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
24. जिस ने हमें उन के क़ब्ज़े से छुड़ाया जो हम पर ज़ुल्म कर रहे थे उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
25. जो तमाम जानदारों को ख़ुराक मुहय्या करता है उस का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।
26. आस्मान के ख़ुदा का शुक्र करो, क्यूँकि उस की शफ़्क़त अबदी है।

  Psalms (136/150)