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1. | ज़ियारत का गीत। आओ, रब्ब की सिताइश करो, ऐ रब्ब के तमाम ख़ादिमो जो रात के वक़्त रब्ब के घर में खड़े हो। |
2. | मक़्दिस में अपने हाथ उठा कर रब्ब की तम्जीद करो! |
3. | रब्ब सिय्यून से तुझे बर्कत दे, आस्मान-ओ-ज़मीन का ख़ालिक़ तुझे बर्कत दे। |
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