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1. | दाऊद का ज़बूर। ज़ियारत का गीत। जब भाई मिल कर और यगाँगत से रहते हैं यह कितना अच्छा और पियारा है। |
2. | यह उस नफ़ीस तेल की मानिन्द है जो हारून इमाम के सर पर उंडेला जाता है और टपक टपक कर उस की दाढ़ी और लिबास के गिरीबान पर आ जाता है। |
3. | यह उस ओस की मानिन्द है जो कोह-ए-हर्मून से सिय्यून के पहाड़ों पर पड़ती है। क्यूँकि रब्ब ने फ़रमाया है, “वहीं हमेशा तक बर्कत और ज़िन्दगी मिलेगी।” |
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