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1. | ज़ियारत का गीत। ऐ रब्ब, मैं तुझे गहराइयों से पुकारता हूँ। |
2. | ऐ रब्ब, मेरी आवाज़ सुन! कान लगा कर मेरी इल्तिजाओं पर ध्यान दे! |
3. | ऐ रब्ब, अगर तू हमारे गुनाहों का हिसाब करे तो कौन क़ाइम रहेगा? कोई भी नहीं! |
4. | लेकिन तुझ से मुआफ़ी हासिल होती है ताकि तेरा ख़ौफ़ माना जाए। |
5. | मैं रब्ब के इन्तिज़ार में हूँ, मेरी जान शिद्दत से इन्तिज़ार करती है। मैं उस के कलाम से उम्मीद रखता हूँ। |
6. | पहरेदार जिस शिद्दत से पौ फटने के इन्तिज़ार में रहते हैं, मेरी जान उस से भी ज़ियादा शिद्दत के साथ, हाँ ज़ियादा शिद्दत के साथ रब्ब की मुन्तज़िर रहती है। |
7. | ऐ इस्राईल, रब्ब की राह देखता रह! क्यूँकि रब्ब के पास शफ़्क़त और फ़िद्या का ठोस बन्द-ओ-बस्त है। |
8. | वह इस्राईल के तमाम गुनाहों का फ़िद्या दे कर उसे नजात देगा। |
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