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1. | ज़ियारत का गीत। इस्राईल कहे, “मेरी जवानी से ही मेरे दुश्मन बार बार मुझ पर हम्लाआवर हुए हैं। |
2. | मेरी जवानी से ही वह बार बार मुझ पर हम्लाआवर हुए हैं। तो भी वह मुझ पर ग़ालिब न आए।” |
3. | हल चलाने वालों ने मेरी पीठ पर हल चला कर उस पर अपनी लम्बी लम्बी रेघारयाँ बनाई हैं। |
4. | रब्ब रास्त है। उस ने बेदीनों के रस्से काट कर मुझे आज़ाद कर दिया है। |
5. | अल्लाह करे कि जितने भी सिय्यून से नफ़रत रखें वह शर्मिन्दा हो कर पीछे हट जाएँ। |
6. | वह छतों पर की घास की मानिन्द हों जो सहीह तौर पर बढ़ने से पहले ही मुरझा जाती है |
7. | और जिस से न फ़सल काटने वाला अपना हाथ, न पूले बाँधने वाला अपना बाज़ू भर सके। |
8. | जो भी उन से गुज़रे वह न कहे, “रब्ब तुम्हें बर्कत दे।” हम रब्ब का नाम ले कर तुम्हें बर्कत देते हैं! |
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