Psalms (125/150)  

1. ज़ियारत का गीत। जो रब्ब पर भरोसा रखते हैं वह कोह-ए-सिय्यून की मानिन्द हैं जो कभी नहीं डगमगाता बल्कि अबद तक क़ाइम रहता है।
2. जिस तरह यरूशलम पहाड़ों से घिरा रहता है उसी तरह रब्ब अपनी क़ौम को अब से अबद तक चारों तरफ़ से मह्फ़ूज़ रखता है।
3. क्यूँकि बेदीनों की रास्तबाज़ों की मीरास पर हुकूमत नहीं रहेगी, ऐसा न हो कि रास्तबाज़ बदकारी करने की आज़्माइश में पड़ जाएँ।
4. ऐ रब्ब, उन से भलाई कर जो नेक हैं, जो दिल से सीधी राह पर चलते हैं।
5. लेकिन जो भटक कर अपनी टेढ़ी-मेढ़ी राहों पर चलते हैं उन्हें रब्ब बदकारों के साथ ख़ारिज कर दे। इस्राईल की सलामती हो!

  Psalms (125/150)