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1. | इस्राईल कहे, “अगर रब्ब हमारे साथ न होता, |
2. | अगर रब्ब हमारे साथ न होता जब लोग हमारे ख़िलाफ़ उठे |
3. | और आग-बगूला हो कर अपना पूरा ग़ुस्सा हम पर उतारा, तो वह हमें ज़िन्दा हड़प कर लेते। |
4. | फिर सैलाब हम पर टूट पड़ता, नदी का तेज़ धारा हम पर ग़ालिब आ जाता |
5. | और मुतलातिम पानी हम पर से गुज़र जाता।” |
6. | रब्ब की हम्द हो जिस ने हमें उन के दाँतों के हवाले न किया, वर्ना वह हमें फाड़ खाते। |
7. | हमारी जान उस चिड़िया की तरह छूट गई है जो चिड़ीमार के फंदे से निकल कर उड़ गई है। फंदा टूट गया है, और हम बच निकले हैं। |
8. | रब्ब का नाम, हाँ उसी का नाम हमारा सहारा है जो आस्मान-ओ-ज़मीन का ख़ालिक़ है। |
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