Psalms (117/150)  

1. ऐ तमाम अक़्वाम, रब्ब की तम्जीद करो! ऐ तमाम उम्मतो, उस की मद्हसराई करो!
2. क्यूँकि उस की हम पर शफ़्क़त अज़ीम है, और रब्ब की वफ़ादारी अबदी है। रब्ब की हम्द हो!

  Psalms (117/150)