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1. | जब इस्राईल मिस्र से रवाना हुआ और याक़ूब का घराना अजनबी ज़बान बोलने वाली क़ौम से निकल आया |
2. | तो यहूदाह अल्लाह का मक़्दिस बन गया और इस्राईल उस की बादशाही। |
3. | यह देख कर समुन्दर भाग गया और दरया-ए-यर्दन पीछे हट गया। |
4. | पहाड़ मेंढों की तरह कूदने और पहाड़ियाँ जवान भेड़-बक्रियों की तरह फाँदने लगीं। |
5. | ऐ समुन्दर, क्या हुआ कि तू भाग गया है? ऐ यर्दन, क्या हुआ कि तू पीछे हट गया है? |
6. | ऐ पहाड़ो, क्या हुआ कि तुम मेंढों की तरह कूदने लगे हो? ऐ पहाड़ियो, क्या हुआ कि तुम जवान भेड़-बक्रियों की तरह फाँदने लगी हो? |
7. | ऐ ज़मीन, रब्ब के हुज़ूर, याक़ूब के ख़ुदा के हुज़ूर लरज़ उठ, |
8. | उस के सामने थरथरा जिस ने चटान को जोहड़ में और सख़्त पत्थर को चश्मे में बदल दिया। |
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