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1. | रब्ब की हम्द हो! मुबारक है वह जो अल्लाह का ख़ौफ़ मानता और उस के अह्काम से बहुत लुत्फ़अन्दोज़ होता है। |
2. | उस के फ़र्ज़न्द मुल्क में ताक़तवर होंगे, और दियानतदार की नसल को बर्कत मिलेगी। |
3. | दौलत और ख़ुशहाली उस के घर में रहेगी, और उस की रास्तबाज़ी अबद तक क़ाइम रहेगी। |
4. | अंधेरे में चलते वक़्त दियानतदारों पर रौशनी चमकती है। वह रास्तबाज़, मेहरबान और रहीम है। |
5. | मेहरबानी करना और क़र्ज़ देना बाबर्कत है। जो अपने मुआमलों को इन्साफ़ से हल करे वह अच्छा करेगा, |
6. | क्यूँकि वह अबद तक नहीं डगमगाएगा। रास्तबाज़ हमेशा ही याद रहेगा। |
7. | वह बुरी ख़बर मिलने से नहीं डरता। उस का दिल मज़्बूत है, और वह रब्ब पर भरोसा रखता है। |
8. | उस का दिल मुस्तह्कम है। वह सहमा हुआ नहीं रहता, क्यूँकि वह जानता है कि एक दिन मैं अपने दुश्मनों की शिकस्त देख कर ख़ुश हूँगा। |
9. | वह फ़य्याज़ी से ज़रूरतमन्दों में ख़ैरात बिखेर देता है। उस की रास्तबाज़ी हमेशा क़ाइम रहेगी, और उसे इज़्ज़त के साथ सरफ़राज़ किया जाएगा। |
10. | बेदीन यह देख कर नाराज़ हो जाएगा, वह दाँत पीस पीस कर नेस्त हो जाएगा। जो कुछ बेदीन चाहते हैं वह जाता रहेगा। |
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