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1. | दाऊद का ज़बूर। गीत। ऐ अल्लाह, मेरा दिल मज़्बूत है। मैं साज़ बजा कर तेरी मद्हसराई करूँगा। ऐ मेरी जान, जाग उठ! |
2. | ऐ सितार और सरोद, जाग उठो! मैं तुलू-ए-सुब्ह को जगाऊँगा। |
3. | ऐ रब्ब, मैं क़ौमों में तेरी सिताइश, उम्मतों में तेरी मद्हसराई करूँगा। |
4. | क्यूँकि तेरी शफ़्क़त आस्मान से कहीं बुलन्द है, तेरी वफ़ादारी बादलों तक पहुँचती है। |
5. | ऐ अल्लाह, आस्मान पर सरफ़राज़ हो! तेरा जलाल पूरी दुनिया पर छा जाए। |
6. | अपने दहने हाथ से मदद करके मेरी सुन ताकि जो तुझे पियारे हैं नजात पाएँ। |
7. | अल्लाह ने अपने मक़्दिस में फ़रमाया है, “मैं फ़त्ह मनाते हुए सिकम को तक़्सीम करूँगा और वादी-ए-सुक्कात को नाप कर बाँट दूँगा। |
8. | जिलिआद मेरा है और मनस्सी मेरा है। इफ़्राईम मेरा ख़ोद और यहूदाह मेरा शाही असा है। |
9. | मोआब मेरा ग़ुसल का बर्तन है, और अदोम पर मैं अपना जूता फैंक दूँगा। मैं फ़िलिस्ती मुल्क पर ज़ोरदार नारे लगाऊँगा!” |
10. | कौन मुझे क़िलआबन्द शहर में लाएगा? कौन मेरी राहनुमाई करके मुझे अदोम तक पहुँचाएगा? |
11. | ऐ अल्लाह, तू ही यह कर सकता है, गो तू ने हमें रद्द किया है। ऐ अल्लाह, तू हमारी फ़ौजों का साथ नहीं देता जब वह लड़ने के लिए निकलती हैं। |
12. | मुसीबत में हमें सहारा दे, क्यूँकि इस वक़्त इन्सानी मदद बेकार है। |
13. | अल्लाह के साथ हम ज़बरदस्त काम करेंगे, क्यूँकि वही हमारे दुश्मनों को कुचल देगा। |
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