Proverbs (25/31)  

1. ज़ैल में सुलेमान की मज़ीद कहावतें दर्ज हैं जिन्हें यहूदाह के बादशाह हिज़क़ियाह के लोगों ने जमा किया।
2. अल्लाह का जलाल इस में ज़ाहिर होता है कि वह मुआमला पोशीदा रखता है, बादशाह का जलाल इस में कि वह मुआमले की तह्क़ीक़ करता है।
3. जितना आस्मान बुलन्द और ज़मीन गहरी है उतना ही बादशाहों के दिल का खोज नहीं लगाया जा सकता।
4. चाँदी से मैल दूर करो तो सुनार बर्तन बनाने में काम्याब हो जाएगा,
5. बेदीन को बादशाह के हुज़ूर से दूर करो तो उस का तख़्त रास्ती की बुन्याद पर क़ाइम रहेगा।
6. बादशाह के हुज़ूर अपने आप पर फ़ख़र न कर, न इज़्ज़त की उस जगह पर खड़ा हो जा जो बुज़ुर्गों के लिए मख़्सूस है।
7. इस से पहले कि शुरफ़ा के सामने ही तेरी बेइज़्ज़ती हो जाए बेहतर है कि तू पीछे खड़ा हो जा और बाद में कोई तुझ से कहे, “यहाँ सामने आ जाएँ।” जो कुछ तेरी आँखों ने देखा उसे अदालत में पेश करने में
8. जल्दबाज़ी न कर, क्यूँकि तू क्या करेगा अगर तेरा पड़ोसी तेरे मुआमले को झटला कर तुझे शर्मिन्दा करे?
9. अदालत में अपने पड़ोसी से लड़ते वक़्त वह बात बयान न कर जो किसी ने पोशीदगी में तेरे सपुर्द की,
10. ऐसा न हो कि सुनने वाला तेरी बेइज़्ज़ती करे। तब तेरी बदनामी कभी नहीं मिटेगी।
11. वक़्त पर मौज़ूँ बात चाँदी के बर्तन में सोने के सेब की मानिन्द है।
12. दानिशमन्द की नसीहत क़बूल करने वाले के लिए सोने की बाली और ख़ालिस सोने के गुलूबन्द की मानिन्द है।
13. क़ाबिल-ए-एतिमाद क़ासिद भेजने वाले के लिए फ़सल काटते वक़्त बर्फ़ की ठंडक जैसा है, इस तरह वह अपने मालिक की जान को तर-ओ-ताज़ा कर देता है।
14. जो शेख़ी मार कर तुह्फ़ों का वादा करे लेकिन कुछ न दे वह उन तूफ़ानी बादलों की मानिन्द है जो बरसे बग़ैर गुज़र जाते हैं।
15. हुक्मरान को तहम्मुल से क़ाइल किया जा सकता, और नर्म ज़बान हड्डियाँ तोड़ने के क़ाबिल है।
16. अगर शहद मिल जाए तो ज़रूरत से ज़ियादा मत खा, हद्द से ज़ियादा खाने से तुझे क़ै आएगी।
17. अपने पड़ोसी के घर में बार बार जाने से अपने क़दमों को रोक, वर्ना वह तंग आ कर तुझ से नफ़रत करने लगेगा।
18. जो अपने पड़ोसी के ख़िलाफ़ झूटी गवाही दे वह हथौड़े, तल्वार और तेज़ तीर जैसा नुक़्सानदिह है।
19. मुसीबत के वक़्त बेवफ़ा पर एतिबार करना ख़राब दाँत या डगमगाते पाँओ की तरह तक्लीफ़दिह है।
20. दुखते दिल के लिए गीत गाना उतना ही ग़ैरमौज़ूँ है जितना सर्दियों के मौसम में क़मीस उतारना या सोडे पर सिरका डालना।
21. अगर तेरा दुश्मन भूका हो तो उसे खाना खिला, अगर पियासा हो तो पानी पिला।
22. क्यूँकि ऐसा करने से तू उस के सर पर जलते हुए कोइलों का ढेर लगाएगा, और रब्ब तुझे अज्र देगा।
23. जिस तरह काले बादल लाने वाली हवा बारिश पैदा करती है उसी तरह बातूनी की चुपके से की गई बातों से लोगों के मुँह बिगड़ जाते हैं।
24. झगड़ालू बीवी के साथ एक ही घर में रहने की निस्बत छत के किसी कोने में गुज़ारा करना बेहतर है।
25. दूरदराज़ मुल्क की ख़ुशख़बरी पियासे गले में ठंडा पानी है।
26. जो रास्तबाज़ बेदीन के सामने डगमगाने लगे, वह गदला चश्मा और आलूदा कुआँ है।
27. ज़ियादा शहद खाना अच्छा नहीं, और न ही ज़ियादा अपनी इज़्ज़त की फ़िक्र करना।
28. जो अपने आप पर क़ाबू न पा सके वह उस शहर की मानिन्द है जिस की फ़सील ढा दी गई है।

  Proverbs (25/31)