Proverbs (22/31)  

1. नेक नाम बड़ी दौलत से क़ीमती, और मन्ज़ूर-ए-नज़र होना सोने-चाँदी से बेहतर है।
2. अमीर और ग़रीब एक दूसरे से मिलते जुलते हैं, रब्ब उन सब का ख़ालिक़ है।
3. ज़हीन आदमी ख़त्रा पहले से भाँप कर छुप जाता है, जबकि सादालौह आगे बढ़ कर उस की लपेट में आ जाता है।
4. फ़रोतनी और रब्ब का ख़ौफ़ मानने का फल दौलत, एहतिराम और ज़िन्दगी है।
5. बेदीन की राह में काँटे और फंदे होते हैं। जो अपनी जान मह्फ़ूज़ रखना चाहे वह उन से दूर रहता है।
6. छोटे बच्चे को सहीह राह पर चलने की तर्बियत दे तो वह बूढ़ा हो कर भी उस से नहीं हटेगा।
7. अमीर ग़रीब पर हुकूमत करता, और क़र्ज़दार क़र्ज़ख़्वाह का ग़ुलाम होता है।
8. जो नाइन्साफ़ी का बीज बोए वह आफ़त की फ़सल काटेगा, तब उस की ज़ियादती की लाठी टूट जाएगी।
9. फ़य्याज़दिल को बर्कत मिलेगी, क्यूँकि वह पस्तहाल को अपने खाने में शरीक करता है।
10. तानाज़न को भगा दे तो लड़ाई-झगड़ा घर से निकल जाएगा, तू तू मैं मैं और एक दूसरे की बेइज़्ज़ती करने का सिलसिला ख़त्म हो जाएगा।
11. जो दिल की पाकीज़गी को पियार करे और मेहरबान ज़बान का मालिक हो वह बादशाह का दोस्त बनेगा।
12. रब्ब की आँखें इल्म-ओ-इर्फ़ान की देख-भाल करती हैं, लेकिन वह बेवफ़ा की बातों को तबाह होने देता है।
13. काहिल कहता है, “गली में शेर है, अगर बाहर जाऊँ तो मुझे किसी चौक में फाड़ खाएगा।”
14. ज़िनाकार औरत का मुँह गहरा गढ़ा है। जिस से रब्ब नाराज़ हो वह उस में गिर जाता है।
15. बच्चे के दिल में हमाक़त टिकती है, लेकिन तर्बियत की छड़ी उसे भगा देती है।
16. एक पस्तहाल पर ज़ुल्म करता है ताकि दौलत पाए, दूसरा अमीर को तुह्फ़े देता है लेकिन ग़रीब हो जाता है।
17. कान लगा कर दानाओं की बातों पर ध्यान दे, दिल से मेरी तालीम अपना ले!
18. क्यूँकि अच्छा है कि तू उन्हें अपने दिल में मह्फ़ूज़ रखे, वह सब तेरे होंटों पर मुस्तइद रहें।
19. आज मैं तुझे, हाँ तुझे ही तालीम दे रहा हूँ ताकि तेरा भरोसा रब्ब पर रहे।
20. मैं ने तेरे लिए 30 कहावतें क़लमबन्द की हैं, ऐसी बातें जो मश्वरों और इल्म से भरी हुई हैं।
21. क्यूँकि मैं तुझे सच्चाई की क़ाबिल-ए-एतिमाद बातें सिखाना चाहता हूँ ताकि तू उन्हें क़ाबिल-ए-एतिमाद जवाब दे सके जिन्हों ने तुझे भेजा है।
22. पस्तहाल को इस लिए न लूट कि वह पस्तहाल है, मुसीबतज़दा को अदालत में मत कुचलना।
23. क्यूँकि रब्ब ख़ुद उन का दिफ़ा करके उन्हें लूट लेगा जो उन्हें लूट रहे हैं।
24. ग़ुसीले शख़्स का दोस्त न बन, न उस से ज़ियादा ताल्लुक़ रख जो जल्दी से आग-बगूला हो जाता है।
25. ऐसा न हो कि तू उस का चाल-चलन अपना कर अपनी जान के लिए फंदा लगाए।
26. कभी हाथ मिला कर वादा न कर कि मैं दूसरे के कर्ज़े का ज़ामिन हूँगा।
27. क़र्ज़दार के पैसे वापस न करने पर अगर तू भी पैसे अदा न कर सके तो तेरी चारपाई भी तेरे नीचे से छीन ली जाएगी।
28. ज़मीन की जो हुदूद तेरे बापदादा ने मुक़र्रर कीं उन्हें आगे पीछे मत करना।
29. क्या तुझे ऐसा आदमी नज़र आता है जो अपने काम में माहिर है? वह निचले तब्क़े के लोगों की ख़िदमत नहीं करेगा बल्कि बादशाहों की।

  Proverbs (22/31)