Proverbs (21/31)  

1. बादशाह का दिल रब्ब के हाथ में नहर की मानिन्द है। वह जिधर चाहे उस का रुख़ फेर देता है।
2. हर आदमी की राह उस की अपनी नज़र में ठीक लगती है, लेकिन रब्ब ही दिलों की जाँच-पड़ताल करता है।
3. रास्तबाज़ी और इन्साफ़ करना रब्ब को ज़बह की क़ुर्बानियों से कहीं ज़ियादा पसन्द है।
4. मग़रूर आँखें और मुतकब्बिर दिल जो बेदीनों का चराग़ हैं गुनाह हैं।
5. मेहनती शख़्स के मन्सूबे नफ़ा का बाइस हैं, लेकिन जल्दबाज़ी ग़ुर्बत तक पहुँचा देती है।
6. फ़रेबदिह ज़बान से जमा किया हुआ ख़ज़ाना बिखर जाने वाला धुआँ और मुहलक फंदा है।
7. बेदीनों का ज़ुल्म ही उन्हें घसीट कर ले जाता है, क्यूँकि वह इन्साफ़ करने से इन्कार करते हैं।
8. क़ुसूरवार की राह पेचदार है जबकि पाक शख़्स सीधी राह पर चलता है।
9. झगड़ालू बीवी के साथ एक ही घर में रहने की निस्बत छत के किसी कोने में गुज़ारा करना बेहतर है।
10. बेदीन ग़लत काम करने के लालच में रहता है और अपने किसी भी पड़ोसी पर तरस नहीं खाता।
11. तानाज़न पर जुर्माना लगा तो सादालौह सबक़ सीखेगा, दानिशमन्द को तालीम दे तो उस के इल्म में इज़ाफ़ा होगा।
12. अल्लाह जो रास्त है बेदीन के घर को ध्यान में रखता है, वही बेदीन को ख़ाक में मिला देता है।
13. जो कान में उंगली डाल कर ग़रीब की मदद के लिए चीख़ें नहीं सुनता वह भी एक दिन चीख़ें मारेगा, और उस की भी नहीं सुनी जाएगी।
14. पोशीदगी में सिला देने से दूसरे का ग़ुस्सा ठंडा हो जाता, किसी की जेब गर्म करने से उस का सख़्त तैश दूर हो जाता है।
15. जब इन्साफ़ किया जाए तो रास्तबाज़ ख़ुश हो जाता, लेकिन बदकार दह्शत खाने लगता है।
16. जो समझ की राह से भटक जाए वह एक दिन मुर्दों की जमाअत में आराम करेगा।
17. जो ऐश-ओ-इश्रत की ज़िन्दगी पसन्द करे वह ग़रीब हो जाएगा, जिसे मै और तेल पियारा हो वह अमीर नहीं हो जाएगा।
18. जब रास्तबाज़ का फ़िद्या देना है तो बेदीन को दिया जाएगा, और दियानतदार की जगह बेवफ़ा को दिया जाएगा।
19. झगड़ालू और तंग करने वाली बीवी के साथ बसने की निस्बत रेगिस्तान में गुज़ारा करना बेहतर है।
20. दानिशमन्द के घर में उम्दा ख़ज़ाना और तेल होता है, लेकिन अहमक़ अपना सारा माल हड़प कर लेता है।
21. जो इन्साफ़ और शफ़्क़त का ताक़्क़ुब करता रहे वह ज़िन्दगी, रास्ती और इज़्ज़त पाएगा।
22. दानिशमन्द आदमी ताक़तवर फ़ौजियों के शहर पर हम्ला करके वह क़िलआबन्दी ढा देता है जिस पर उन का पूरा एतिमाद था।
23. जो अपने मुँह और ज़बान की पहरादारी करे वह अपनी जान को मुसीबत से बचाए रखता है।
24. मग़रूर और घमंडी का नाम ‘तानाज़न’ है, हर काम वह बेहद तकब्बुर के साथ करता है।
25. काहिल का लालच उसे मौत के घाट उतार देता है, क्यूँकि उस के हाथ काम करने से इन्कार करते हैं।
26. लालची पूरा दिन लालच करता रहता है, लेकिन रास्तबाज़ फ़य्याज़दिली से देता है।
27. बेदीनों की क़ुर्बानी क़ाबिल-ए-घिन है, ख़ासकर जब उसे बुरे मक़्सद से पेश किया जाए।
28. झूटा गवाह तबाह हो जाएगा, लेकिन जो दूसरे की ध्यान से सुने उस की बात हमेशा तक क़ाइम रहेगी।
29. बेदीन आदमी गुस्ताख़ अन्दाज़ से पेश आता है, लेकिन सीधी राह पर चलने वाला सोच समझ कर अपनी राह पर चलता है।
30. किसी की भी हिक्मत, समझ या मन्सूबा रब्ब का सामना नहीं कर सकता।
31. घोड़े को जंग के दिन के लिए तय्यार तो किया जाता है, लेकिन फ़त्ह रब्ब के हाथ में है।

  Proverbs (21/31)