Proverbs (19/31)  

1. जो ग़रीब बेइल्ज़ाम ज़िन्दगी गुज़ारे वह टेढ़ी बातें करने वाले अहमक़ से कहीं बेहतर है।
2. अगर इल्म साथ न हो तो सरगर्मी का कोई फ़ाइदा नहीं। जल्दबाज़ ग़लत राह पर आता रहता है।
3. गो इन्सान की अपनी हमाक़त उसे भटका देती है तो भी उस का दिल रब्ब से नाराज़ होता है।
4. दौलतमन्द के दोस्तों में इज़ाफ़ा होता है, लेकिन ग़रीब का एक दोस्त भी उस से अलग हो जाता है।
5. झूटा गवाह सज़ा से नहीं बचेगा, जो झूटी गवाही दे उस की जान नहीं छूटेगी।
6. मुतअद्दिद लोग बड़े आदमी की ख़ुशामद करते हैं, और हर एक उस आदमी का दोस्त है जो तुह्फ़े देता है।
7. ग़रीब के तमाम भाई उस से नफ़रत करते हैं, तो फिर उस के दोस्त उस से क्यूँ दूर न रहें। वह बातें करते करते उन का पीछा करता है, लेकिन वह ग़ाइब हो जाते हैं।
8. जो हिक्मत अपना ले वह अपनी जान से मुहब्बत रखता है, जो समझ की पर्वरिश करे उसे काम्याबी होगी।
9. झूटा गवाह सज़ा से नहीं बचेगा, झूटी गवाही देने वाला तबाह हो जाएगा।
10. अहमक़ के लिए ऐश-ओ-इश्रत से ज़िन्दगी गुज़ारना मौज़ूँ नहीं, लेकिन ग़ुलाम की हुक्मरानों पर हुकूमत कहीं ज़ियादा ग़ैरमुनासिब है।
11. इन्सान की हिक्मत उसे तहम्मुल सिखाती है, और दूसरों के जराइम से दरगुज़र करना उस का फ़ख़र है।
12. बादशाह का तैश जवान शेरबबर की दहाड़ों की मानिन्द है जबकि उस की मन्ज़ूरी घास पर शबनम की तरह तर-ओ-ताज़ा करती है।
13. अहमक़ बेटा बाप की तबाही और झगड़ालू बीवी मुसल्सल टपकने वाली छत है।
14. मौरूसी घर और मिल्कियत बापदादा की तरफ़ से मिलती है, लेकिन समझदार बीवी रब्ब की तरफ़ से है।
15. सुस्त होने से इन्सान गहरी नींद सो जाता है, लेकिन ढीला शख़्स भूकों मरेगा।
16. जो वफ़ादारी से हुक्म पर अमल करे वह अपनी जान मह्फ़ूज़ रखता है, लेकिन जो अपनी राहों की पर्वा न करे वह मर जाएगा।
17. जो ग़रीब पर मेहरबानी करे वह रब्ब को उधार देता है, वही उसे अज्र देगा।
18. जब तक उम्मीद की किरन बाक़ी हो अपने बेटे की तादीब कर, लेकिन इतने जोश में न आ कि वह मर जाए।
19. जो हद्द से ज़ियादा तैश में आए उसे जुर्माना देना पड़ेगा। उसे बचाने की कोशिश मत कर वर्ना उस का तैश और बढ़ेगा।
20. अच्छा मश्वरा अपना और तर्बियत क़बूल कर ताकि आइन्दा दानिशमन्द हो।
21. इन्सान दिल में मुतअद्दिद मन्सूबे बाँधता रहता है, लेकिन रब्ब का इरादा हमेशा पूरा हो जाता है।
22. इन्सान का लालच उस की रुस्वाई का बाइस है, और ग़रीब दरोग़गो से बेहतर है।
23. रब्ब का ख़ौफ़ ज़िन्दगी का मम्बा है। ख़ुदातरस आदमी सेर हो कर सुकून से सो जाता और मुसीबत से मह्फ़ूज़ रहता है।
24. काहिल अपना हाथ खाने के बर्तन में डाल कर उसे मुँह तक नहीं ला सकता।
25. तानाज़न को मार तो सादालौह सबक़ सीखेगा, समझदार को डाँट तो उस के इल्म में इज़ाफ़ा होगा।
26. जो अपने बाप पर ज़ुल्म करे और अपनी माँ को निकाल दे वह वालिदैन के लिए शर्म और रुस्वाई का बाइस है।
27. मेरे बेटे, तर्बियत पर ध्यान देने से बाज़ न आ, वर्ना तू इल्म-ओ-इर्फ़ान की राह से भटक जाएगा।
28. शरीर गवाह इन्साफ़ का मज़ाक़ उड़ाता है, और बेदीन का मुँह आफ़त की ख़बरें फैलाता है।
29. तानाज़न के लिए सज़ा और अहमक़ की पीठ के लिए कोड़ा तय्यार है।

  Proverbs (19/31)