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1. | इन्सान दिल में मन्सूबे बाँधता है, लेकिन ज़बान का जवाब रब्ब की तरफ़ से आता है। |
2. | इन्सान की नज़र में उस की तमाम राहें पाक-साफ़ हैं, लेकिन रब्ब ही रूहों की जाँच-पड़ताल करता है। |
3. | जो कुछ भी तू करना चाहे उसे रब्ब के सपुर्द कर। तब ही तेरे मन्सूबे काम्याब होंगे। |
4. | रब्ब ने सब कुछ अपने ही मक़ासिद पूरे करने के लिए बनाया है। वह दिन भी पहले से मुक़र्रर है जब बेदीन पर आफ़त आएगी। |
5. | रब्ब हर मग़रूर दिल से घिन खाता है। यक़ीनन वह सज़ा से नहीं बचेगा। |
6. | शफ़्क़त और वफ़ादारी गुनाह का कफ़्फ़ारा देती हैं। रब्ब का ख़ौफ़ मानने से इन्सान बुराई से दूर रहता है। |
7. | अगर रब्ब किसी इन्सान की राहों से ख़ुश हो तो वह उस के दुश्मनों को भी उस से सुलह कराने देता है। |
8. | इन्साफ़ से थोड़ा बहुत कमाना नाइन्साफ़ी से बहुत दौलत जमा करने से कहीं बेहतर है। |
9. | इन्सान अपने दिल में मन्सूबे बाँधता रहता है, लेकिन रब्ब ही मुक़र्रर करता है कि वह आख़िरकार किस राह पर चल पड़े। |
10. | बादशाह के होंट गोया इलाही फ़ैसले पेश करते हैं, उस का मुँह अदालत करते वक़्त बेवफ़ा नहीं होता। |
11. | रब्ब दुरुस्त तराज़ू का मालिक है, उसी ने तमाम बाटों का इन्तिज़ाम क़ाइम किया। |
12. | बादशाह बेदीनी से घिन खाता है, क्यूँकि उस का तख़्त रास्तबाज़ी की बुन्याद पर मज़्बूत रहता है। |
13. | बादशाह रास्तबाज़ होंटों से ख़ुश होता और साफ़ बात करने वाले से मुहब्बत रखता है। |
14. | बादशाह का ग़ुस्सा मौत का पेशख़ैमा है, लेकिन दानिशमन्द उसे ठंडा करने के तरीक़े जानता है। |
15. | जब बादशाह का चिहरा खिल उठे तो मतलब ज़िन्दगी है। उस की मन्ज़ूरी मौसम-ए-बहार के तर-ओ-ताज़ा करने वाले बादल की मानिन्द है। |
16. | हिक्मत का हुसूल सोने से कहीं बेहतर और समझ पाना चाँदी से कहीं बढ़ कर है। |
17. | दियानतदार की मज़्बूत राह बुरे काम से दूर रहती है, जो अपनी राह की पहरादारी करे वह अपनी जान बचाए रखता है। |
18. | तबाही से पहले ग़रूर और गिरने से पहले तकब्बुर आता है। |
19. | फ़रोतनी से ज़रूरतमन्दों के दर्मियान बसना घमंडियों के लूटे हुए माल में शरीक होने से कहीं बेहतर है। |
20. | जो कलाम पर ध्यान दे वह ख़ुशहाल होगा, मुबारक है वह जो रब्ब पर भरोसा रखे। |
21. | जो दिल से दानिशमन्द है उसे समझदार क़रार दिया जाता है, और मीठे अल्फ़ाज़ तालीम में इज़ाफ़ा करते हैं। |
22. | फ़हम अपने मालिक के लिए ज़िन्दगी का सरचश्मा है, लेकिन अहमक़ की अपनी ही हमाक़त उसे सज़ा देती है। |
23. | दानिशमन्द का दिल समझ की बातें ज़बान पर लाता और तालीम देने में होंटों का सहारा बनता है। |
24. | मेहरबान अल्फ़ाज़ ख़ालिस शहद हैं, वह जान के लिए शीरीं और पूरे जिस्म को तर-ओ-ताज़ा कर देते हैं। |
25. | ऐसी राह भी होती है जो देखने में तो ठीक लगती है गो उस का अन्जाम मौत है। |
26. | मज़्दूर का ख़ाली पेट उसे काम करने पर मज्बूर करता, उस की भूक उसे हाँकती रहती है। |
27. | शरीर कुरेद कुरेद कर ग़लत काम निकाल लेता, उस के होंटों पर झुलसाने वाली आग रहती है। |
28. | कजरौ आदमी झगड़े छेड़ता रहता, और तुहमत लगाने वाला दिली दोस्तों में भी रख़ना डालता है। |
29. | ज़ालिम अपने पड़ोसी को वरग़ला कर ग़लत राह पर ले जाता है। |
30. | जो आँख मारे वह ग़लत मन्सूबे बाँध रहा है, जो अपने होंट चबाए वह ग़लत काम करने पर तुला हुआ है। |
31. | सफ़ेद बाल एक शानदार ताज हैं जो रास्तबाज़ ज़िन्दगी गुज़ारने से हासिल होते हैं। |
32. | तहम्मुल करने वाला सूर्मे से सब्क़त लेता है, जो अपने आप को क़ाबू में रखे वह शहर को शिकस्त देने वाले से बरतर है। |
33. | इन्सान तो क़ुरआ डालता है, लेकिन उस का हर फ़ैसला रब्ब की तरफ़ से है। |
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