Proverbs (12/31)  

1. जिसे इल्म-ओ-इर्फ़ान पियारा है उसे तर्बियत भी पियारी है, जिसे नसीहत से नफ़रत है वह बेअक़ल है।
2. रब्ब अच्छे आदमी से ख़ुश होता है जबकि वह साज़िश करने वाले को क़ुसूरवार ठहराता है।
3. इन्सान बेदीनी की बुन्याद पर क़ाइम नहीं रह सकता जबकि रास्तबाज़ की जड़ें उखाड़ी नहीं जा सकतीं।
4. सुघड़ बीवी अपने शौहर का ताज है, लेकिन जो शौहर की रुस्वाई का बाइस है वह उस की हड्डियों में सड़ाहट की मानिन्द है।
5. रास्तबाज़ के ख़यालात मुन्सिफ़ाना हैं जबकि बेदीनों के मन्सूबे फ़रेबदिह हैं।
6. बेदीनों के अल्फ़ाज़ लोगों को क़त्ल करने की ताक में रहते हैं जबकि सीधी राह पर चलने वालों की बातें लोगों को छुड़ा लेती हैं।
7. बेदीनों को ख़ाक में यूँ मिलाया जाता है कि उन का नाम-ओ-निशान तक नहीं रहता, लेकिन रास्तबाज़ का घर क़ाइम रहता है।
8. किसी की जितनी अक़ल-ओ-समझ है उतना ही लोग उस की तारीफ़ करते हैं, लेकिन जिस के ज़हन में फ़ुतूर है उसे हक़ीर जाना जाता है।
9. निचले तब्क़े का जो आदमी अपनी ज़िम्मादारियाँ अदा करता है वह उस आदमी से कहीं बेहतर है जो नख़रा बघारता है गो उस के पास रोटी भी नहीं है।
10. रास्तबाज़ अपने मवेशी का भी ख़याल करता है जबकि बेदीन का दिल ज़ालिम ही ज़ालिम है।
11. जो अपनी ज़मीन की खेतीबाड़ी करे उस के पास कस्रत का खाना होगा, लेकिन जो फ़ुज़ूल चीज़ों के पीछे पड़ जाए वह नासमझ है।
12. बेदीन दूसरों को जाल में फंसाने से अपना दिल बहलाता है, लेकिन रास्तबाज़ की जड़ फलदार होती है।
13. शरीर अपनी ग़लत बातों के जाल में उलझ जाता जबकि रास्तबाज़ मुसीबत से बच जाता है।
14. इन्सान अपने मुँह के फल से ख़ूब सेर हो जाता है, और जो काम उस के हाथों ने किया उस का अज्र उसे ज़रूर मिलेगा।
15. अहमक़ की नज़र में उस की अपनी राह ठीक है, लेकिन दानिशमन्द दूसरों के मश्वरे पर ध्यान देता है।
16. अहमक़ एक दम अपनी नाराज़ी का इज़्हार करता है, लेकिन दाना अपनी बदनामी छुपाए रखता है।
17. दियानतदार गवाह खुले तौर पर सच्चाई बयान करता है जबकि झूटा गवाह धोका ही धोका पेश करता है।
18. गप्पें हाँकने वाले की बातें तल्वार की तरह ज़ख़्मी कर देती हैं जबकि दानिशमन्द की ज़बान शिफ़ा देती है।
19. सच्चे होंट हमेशा तक क़ाइम रहते हैं जबकि झूटी ज़बान एक ही लम्हे के बाद ख़त्म हो जाती है।
20. बुरे मन्सूबे बाँधने वाले का दिल धोके से भरा रहता जबकि सलामती के मश्वरे देने वाले का दिल ख़ुशी से छलकता है।
21. कोई भी आफ़त रास्तबाज़ पर नहीं आएगी जबकि दुख तक्लीफ़ बेदीनों का दामन कभी नहीं छोड़ेगी।
22. रब्ब फ़रेबदिह होंटों से घिन खाता है, लेकिन जो वफ़ादारी से ज़िन्दगी गुज़ारते हैं उन से वह ख़ुश होता है।
23. समझदार अपना इल्म छुपाए रखता जबकि अहमक़ अपने दिल की हमाक़त बुलन्द आवाज़ से सब को पेश करता है।
24. जिस के हाथ मेहनती हैं वह हुकूमत करेगा, लेकिन जिस के हाथ ढीले हैं उसे बेगार में काम करना पड़ेगा।
25. जिस के दिल में परेशानी है वह दबा रहता है, लेकिन कोई भी अच्छी बात उसे ख़ुशी दिलाती है।
26. रास्तबाज़ अपनी चरागाह मालूम कर लेता है, लेकिन बेदीनों की राह उन्हें आवारा फिरने देती है।
27. ढीला आदमी अपना शिकार नहीं पकड़ सकता जबकि मेहनती शख़्स कस्रत का माल हासिल कर लेता है।
28. रास्ती की राह में ज़िन्दगी है, लेकिन ग़लत राह मौत तक पहुँचाती है।

  Proverbs (12/31)