Proverbs (11/31)  

1. रब्ब ग़लत तराज़ू से घिन खाता है, वह सहीह तराज़ू ही से ख़ुश होता है।
2. जहाँ तकब्बुर है वहाँ बदनामी भी क़रीब ही रहती है, लेकिन जो हलीम है उस के दामन में हिक्मत रहती है।
3. सीधी राह पर चलने वालों की दियानतदारी उन की राहनुमाई करती जबकि बेवफ़ाओं की नमकहरामी उन्हें तबाह करती है।
4. ग़ज़ब के दिन दौलत का कोई फ़ाइदा नहीं जबकि रास्तबाज़ी लोगों की जान को छुड़ाती है।
5. बेइल्ज़ाम की रास्तबाज़ी उस का रास्ता हमवार बना देती है जबकि बेदीन की बुरी हर्कतें उसे गिरा देती हैं।
6. सीधी राह पर चलने वालों की रास्तबाज़ी उन्हें छुड़ा देती जबकि बेवफ़ाओं का लालच उन्हें फंसा देता है।
7. दम तोड़ते वक़्त बेदीन की सारी उम्मीद जाती रहती है, जिस दौलत की तवक़्क़ो उस ने की वह जाती रहती है।
8. रास्तबाज़ की जान मुसीबत से छूट जाती है, और उस की जगह बेदीन फंस जाता है।
9. काफ़िर अपने मुँह से अपने पड़ोसी को तबाह करता है, लेकिन रास्तबाज़ों का इल्म उन्हें छुड़ाता है।
10. जब रास्तबाज़ काम्याब हों तो पूरा शहर जश्न मनाता है, जब बेदीन हलाक हों तो ख़ुशी के नारे बुलन्द हो जाते हैं।
11. सीधी राह पर चलने वालों की बर्कत से शहर तरक़्क़ी करता है, लेकिन बेदीन के मुँह से वह मिस्मार हो जाता है।
12. नासमझ आदमी अपने पड़ोसी को हक़ीर जानता है जबकि समझदार आदमी ख़ामोश रहता है।
13. तुहमत लगाने वाला दूसरों के राज़ फ़ाश करता है, लेकिन क़ाबिल-ए-एतिमाद शख़्स वह भेद पोशीदा रखता है जो उस के सपुर्द किया गया हो।
14. जहाँ क़ियादत की कमी है वहाँ क़ौम का तनज़्ज़ुल यक़ीनी है, जहाँ मुशीरों की कस्रत है वहाँ क़ौम फ़त्हयाब रहेगी।
15. जो अजनबी का ज़ामिन हो जाए उसे यक़ीनन नुक़्सान पहुँचेगा, जो ज़ामिन बनने से इन्कार करे वह मह्फ़ूज़ रहेगा।
16. नेक औरत इज़्ज़त से और ज़ालिम आदमी दौलत से लिपटे रहते हैं।
17. शफ़ीक़ का अच्छा सुलूक उसी के लिए फ़ाइदामन्द है जबकि ज़ालिम का बुरा सुलूक उसी के लिए नुक़्सानदिह है।
18. जो कुछ बेदीन कमाता है वह फ़रेबदिह है, लेकिन जो रास्ती का बीज बोए उस का अज्र यक़ीनी है।
19. रास्तबाज़ी का फल ज़िन्दगी है जबकि बुराई के पीछे भागने वाले का अन्जाम मौत है।
20. रब्ब कजदिलों से घिन खाता है, वह बेइल्ज़ाम राह पर चलने वालों ही से ख़ुश होता है।
21. यक़ीन करो, बदकार सज़ा से नहीं बचेगा जबकि रास्तबाज़ों के फ़र्ज़न्द छूट जाएँगे।
22. जिस तरह सूअर की थूथनी में सोने का छल्ला खटकता है उसी तरह ख़ूबसूरत औरत की बेतमीज़ी खटकती है।
23. अल्लाह रास्तबाज़ों की आर्ज़ू अच्छी चीज़ों से पूरी करता है, लेकिन उस का ग़ज़ब बेदीनों की उम्मीद पर नाज़िल होता है।
24. एक आदमी की दौलत में इज़ाफ़ा होता है, गो वह फ़य्याज़दिली से तक़्सीम करता है। दूसरे की ग़ुर्बत में इज़ाफ़ा होता है, गो वह हद्द से ज़ियादा कंजूस है।
25. फ़य्याज़दिल ख़ुशहाल रहेगा, जो दूसरों को तर-ओ-ताज़ा करे वह ख़ुद ताज़ादम रहेगा।
26. लोग गन्दुम के ज़खीराअन्दोज़ पर लानत भेजते हैं, लेकिन जो गन्दुम को बाज़ार में आने देता है उस के सर पर बर्कत आती है।
27. जो भलाई की तलाश में रहे वह अल्लाह की मन्ज़ूरी चाहता है, लेकिन जो बुराई की तलाश में रहे वह ख़ुद बुराई के फंदे में फंस जाएगा।
28. जो अपनी दौलत पर भरोसा रखे वह गिर जाएगा, लेकिन रास्तबाज़ हरे-भरे पत्तों की तरह फलें फूलेंगे।
29. जो अपने घर में गड़बड़ पैदा करे वह मीरास में हवा ही पाएगा। अहमक़ दानिशमन्द का नौकर बनेगा।
30. रास्तबाज़ का फल ज़िन्दगी का दरख़्त है, और दानिशमन्द आदमी जानें जीतता है।
31. रास्तबाज़ को ज़मीन पर ही अज्र मिलता है। तो फिर बेदीन और गुनाहगार सज़ा क्यूँ न पाएँ?

  Proverbs (11/31)