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1. | रब्ब ने मूसा से कहा, |
2. | “हारून को बताना, ‘तुझे सात चराग़ों को शमादान पर यूँ रखना है कि वह शमादान का सामने वाला हिस्सा रौशन करें’।” |
3. | हारून ने ऐसा ही किया। जिस तरह रब्ब ने मूसा को हुक्म दिया था उसी तरह उस ने चराग़ों को रख दिया ताकि वह सामने वाला हिस्सा रौशन करें। |
4. | शमादान पाए से ले कर ऊपर की कलियों तक सोने के एक घड़े हुए टुकड़े का बना हुआ था। मूसा ने उसे उस नमूने के ऐन मुताबिक़ बनवाया जो रब्ब ने उसे दिखाया था। |
5. | रब्ब ने मूसा से कहा, |
6. | “लावियों को दीगर इस्राईलियों से अलग करके पाक-साफ़ करना। |
7. | इस के लिए गुनाह से पाक करने वाला पानी उन पर छिड़क कर उन्हें हुक्म देना कि अपने जिस्म के पूरे बाल मुंडवाओ और अपने कपड़े धोओ। यूँ वह पाक-साफ़ हो जाएँगे। |
8. | फिर वह एक जवान बैल चुनें और साथ की ग़ल्ला की नज़र के लिए तेल के साथ मिलाया गया बेहतरीन मैदा लें। तू ख़ुद भी एक जवान बैल चुन। वह गुनाह की क़ुर्बानी के लिए होगा। |
9. | इस के बाद लावियों को मुलाक़ात के ख़ैमे के सामने खड़ा करके इस्राईल की पूरी जमाअत को वहाँ जमा करना। |
10. | जब लावी रब्ब के सामने खड़े हों तो बाक़ी इस्राईली उन के सरों पर अपने हाथ रखें। |
11. | फिर हारून लावियों को रब्ब के सामने पेश करे। उन्हें इस्राईलियों की तरफ़ से हिलाई हुई क़ुर्बानी की हैसियत से पेश किया जाए ताकि वह रब्ब की ख़िदमत कर सकें। |
12. | फिर लावी अपने हाथ दोनों बैलों के सरों पर रखें। एक बैल को गुनाह की क़ुर्बानी के तौर पर और दूसरे को भस्म होने वाली क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाओ ताकि लावियों का कफ़्फ़ारा दिया जाए। |
13. | लावियों को इस तरीक़े से हारून और उस के बेटों के सामने खड़ा करके रब्ब को हिलाई हुई क़ुर्बानी के तौर पर पेश करना है। |
14. | उन्हें बाक़ी इस्राईलियों से अलग करने से वह मेरा हिस्सा बनेंगे। |
15. | इस के बाद ही वह मुलाक़ात के ख़ैमे में आ कर ख़िदमत करें, क्यूँकि अब वह ख़िदमत करने के लाइक़ हैं। उन्हें पाक-साफ़ करके हिलाई हुई क़ुर्बानी के तौर पर पेश करने का सबब यह है |
16. | कि लावी इस्राईलियों में से वह हैं जो मुझे पूरे तौर पर दिए गए हैं। मैं ने उन्हें इस्राईलियों के तमाम पहलौठों की जगह ले लिया है। |
17. | क्यूँकि इस्राईल में हर पहलौठा मेरा है, ख़्वाह वह इन्सान का हो या हैवान का। उस दिन जब मैं ने मिस्रियों के पहलौठों को मार दिया मैं ने इस्राईल के पहलौठों को अपने लिए मख़्सूस-ओ-मुक़द्दस किया। |
18. | इस सिलसिले में मैं ने लावियों को इस्राईलियों के तमाम पहलौठों की जगह ले कर |
19. | उन्हें हारून और उस के बेटों को दिया है। वह मुलाक़ात के ख़ैमे में इस्राईलियों की ख़िदमत करें और उन के लिए कफ़्फ़ारा का इन्तिज़ाम क़ाइम रखें ताकि जब इस्राईली मक़्दिस के क़रीब आएँ तो उन को वबा से मारा न जाए।” |
20. | मूसा, हारून और इस्राईलियों की पूरी जमाअत ने एहतियात से रब्ब की लावियों के बारे में हिदायात पर अमल किया। |
21. | लावियों ने अपने आप को गुनाहों से पाक-साफ़ करके अपने कपड़ों को धोया। फिर हारून ने उन्हें रब्ब के सामने हिलाई हुई क़ुर्बानी के तौर पर पेश किया और उन का कफ़्फ़ारा दिया ताकि वह पाक हो जाएँ। |
22. | इस के बाद लावी मुलाक़ात के ख़ैमे में आए ताकि हारून और उस के बेटों के तहत ख़िदमत करें। यूँ सब कुछ वैसा ही किया गया जैसा रब्ब ने मूसा को हुक्म दिया था। |
23. | रब्ब ने मूसा से यह भी कहा, |
24. | “लावी 25 साल की उम्र में मुलाक़ात के ख़ैमे में अपनी ख़िदमत शुरू करें |
25. | और 50 साल की उम्र में रिटायर हो जाएँ। |
26. | इस के बाद वह मुलाक़ात के ख़ैमे में अपने भाइयों की मदद कर सकते हैं, लेकिन ख़ुद ख़िदमत नहीं कर सकते। तुझे लावियों को इन हिदायात के मुताबिक़ उन की अपनी अपनी ज़िम्मादारियाँ देनी हैं।” |
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