Numbers (34/36)  

1. रब्ब ने मूसा से कहा,
2. “इस्राईलियों को बताना कि जब तुम उस मुल्क में दाख़िल होगे जो मैं तुमहें मीरास में दूँगा तो उस की सरहद्दें यह होंगी :
3. उस की जुनूबी सरहद्द दश्त-ए-सीन में अदोम की सरहद्द के साथ साथ चलेगी। मशरिक़ में वह बहीरा-ए-मुर्दार के जुनूबी साहिल से शुरू होगी, फिर इन जगहों से हो कर मग़रिब की तरफ़ गुज़रेगी :
4. दर्रा-ए-अक़्रब्बीम के जुनूब में से, दश्त-ए-सीन में से, क़ादिस-बर्नीअ के जुनूब में से हसर-अद्दार और अज़्मून में से।
5. वहाँ से वह मुड़ कर मिस्र की सरहद्द पर वाक़े वादी-ए-मिस्र के साथ साथ बहीरा-ए-रूम तक पहुँचेगी।
6. उस की मग़रिबी सरहद्द बहीरा-ए-रूम का साहिल होगा।
7. उस की शिमाली सरहद्द बहीरा-ए-रूम से ले कर इन जगहों से हो कर मशरिक़ की तरफ़ गुज़रेगी : होर पहाड़,
8. लबो-हमात, सिदाद,
9. ज़िफ़्रून और हसर-एनान। हसर-एनान शिमाली सरहद्द का सब से मशरिक़ी मक़ाम होगा।
10. उस की मशरिक़ी सरहद्द शिमाल में हसर-एनान से शुरू होगी। फिर वह इन जगहों से हो कर जुनूब की तरफ़ गुज़रेगी : सिफ़ाम,
11. रिब्ला जो ऐन के मशरिक़ में है और किन्नरत यानी गलील की झील के मशरिक़ में वाक़े पहाड़ी इलाक़ा।
12. इस के बाद वह दरया-ए-यर्दन के किनारे किनारे गुज़रती हुई बहीरा-ए-मुर्दार तक पहुँचेगी। यह तुम्हारे मुल्क की सरहद्दें होंगी।”
13. मूसा ने इस्राईलियों से कहा, “यह वही मुल्क है जिसे तुम्हें क़ुरआ डाल कर तक़्सीम करना है। रब्ब ने हुक्म दिया है कि उसे बाक़ी साढे नौ क़बीलों को देना है।
14. क्यूँकि अढ़ाई क़बीलों के ख़ान्दानों को उन की मीरास मिल चुकी है यानी रूबिन और जद के पूरे क़बीले और मनस्सी के आधे क़बीले को।
15. उन्हें यहाँ, दरया-ए-यर्दन के मशरिक़ में यरीहू के सामने ज़मीन मिल चुकी है।”
16. रब्ब ने मूसा से कहा,
17. “इलीअज़र इमाम और यशूअ बिन नून लोगों के लिए मुल्क तक़्सीम करें।
18. हर क़बीले के एक एक राहनुमा को भी चुनना ताकि वह तक़्सीम करने में मदद करे। जिन को तुम्हें चुनना है उन के नाम यह हैं :
19. यहूदाह के क़बीले का कालिब बिन यफ़ुन्ना,
20. शमाऊन के क़बीले का समूएल बिन अम्मीहूद,
21. बिन्यमीन के क़बीले का इलीदाद बिन किस्लोन,
22. दान के क़बीले का बुक़्क़ी बिन युगली,
23. मनस्सी के क़बीले का हन्नीएल बिन अफ़ूद,
24. इफ़्राईम के क़बीले का क़मूएल बिन सिफ़्तान,
25. ज़बूलून के क़बीले का इलीसफ़न बिन फ़र्नाक़,
26. इश्कार के क़बीले का फ़ल्तीएल बिन अज़्ज़ान,
27. आशर के क़बीले का अख़ीहूद बिन शलूमी,
28. नफ़्ताली के क़बीले का फ़िदाहेल बिन अम्मीहूद।”
29. रब्ब ने इन ही आदमियों को मुल्क को इस्राईलियों में तक़्सीम करने की ज़िम्मादारी दी।

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