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1. | जब इस्राईली शित्तीम में रह रहे थे तो इस्राईली मर्द मोआबी औरतों से ज़िनाकारी करने लगे। |
2. | यह ऐसा हुआ कि मोआबी औरतें अपने देवताओं को क़ुर्बानियाँ पेश करते वक़्त इस्राईलियों को शरीक होने की दावत देने लगीं। इस्राईली दावत क़बूल करके क़ुर्बानियों से खाने और देवताओं को सिज्दा करने लगे। |
3. | इस तरीक़े से इस्राईली मोआबी देवता बनाम बाल-फ़ग़ूर की पूजा करने लगे, और रब्ब का ग़ज़ब उन पर आन पड़ा। |
4. | उस ने मूसा से कहा, “इस क़ौम के तमाम राहनुमाओं को सज़ा-ए-मौत दे कर सूरज की रौशनी में रब्ब के सामने लटका, वर्ना रब्ब का इस्राईलियों पर से ग़ज़ब नहीं टलेगा।” |
5. | चुनाँचे मूसा ने इस्राईल के क़ाज़ियों से कहा, “लाज़िम है कि तुम में से हर एक अपने उन आदमियों को जान से मार दे जो बाल-फ़ग़ूर देवता की पूजा में शरीक हुए हैं।” |
6. | मूसा और इस्राईल की पूरी जमाअत मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर जमा हो कर रोने लगे। इत्तिफ़ाक़ से उसी वक़्त एक आदमी वहाँ से गुज़रा जो एक मिदियानी औरत को अपने घर ले जा रहा था। |
7. | यह देख कर हारून का पोता फ़ीन्हास बिन इलीअज़र जमाअत से निकला और नेज़ा पकड़ कर |
8. | उस इस्राईली के पीछे चल पड़ा। वह औरत समेत अपने ख़ैमे में दाख़िल हुआ तो फ़ीन्हास ने उन के पीछे पीछे जा कर नेज़ा इतने ज़ोर से मारा कि वह दोनों में से गुज़र गया। उस वक़्त वबा फैलने लगी थी, लेकिन फ़ीन्हास के इस अमल से वह रुक गई। |
9. | तो भी 24,000 अफ़राद मर चुके थे। |
10. | रब्ब ने मूसा से कहा, |
11. | “हारून के पोते फ़ीन्हास बिन इलीअज़र ने इस्राईलियों पर मेरा ग़ुस्सा ठंडा कर दिया है। मेरी ग़ैरत अपना कर वह इस्राईल में दीगर माबूदों की पूजा को बर्दाश्त न कर सका। इस लिए मेरी ग़ैरत ने इस्राईलियों को नेस्त-ओ-नाबूद नहीं किया। |
12. | लिहाज़ा उसे बता देना कि मैं उस के साथ सलामती का अह्द क़ाइम करता हूँ। |
13. | इस अह्द के तहत उसे और उस की औलाद को अबद तक इमाम का उह्दा हासिल रहेगा, क्यूँकि अपने ख़ुदा की ख़ातिर ग़ैरत खा कर उस ने इस्राईलियों का कफ़्फ़ारा दिया।” |
14. | जिस आदमी को मिदियानी औरत के साथ मार दिया गया उस का नाम ज़िम्री बिन सलू था, और वह शमाऊन के क़बीले के एक आबाई घराने का सरपरस्त था। |
15. | मिदियानी औरत का नाम कज़्बी था, और वह सूर की बेटी थी जो मिदियानियों के एक आबाई घराने का सरपरस्त था। |
16. | रब्ब ने मूसा से कहा, |
17. | “मिदियानियों को दुश्मन क़रार दे कर उन्हें मार डालना। |
18. | क्यूँकि उन्हों ने अपनी चालाकियों से तुम्हारे साथ दुश्मन का सा सुलूक किया, उन्हों ने तुम्हें बाल-फ़ग़ूर की पूजा करने पर उकसाया और तुम्हें अपनी बहन मिदियानी सरदार की बेटी कज़्बी के ज़रीए जिसे वबा फैलते वक़्त मार दिया गया बहकाया।” |
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