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1. | रब्ब ने मूसा और हारून से कहा |
2. | कि इस्राईली अपने ख़ैमे कुछ फ़ासिले पर मुलाक़ात के ख़ैमे के इर्दगिर्द लगाएँ। हर एक अपने अपने अलम और अपने अपने आबाई घराने के निशान के साथ ख़ैमाज़न हो। |
3. | इन हिदायात के मुताबिक़ मक़्दिस के मशरिक़ में यहूदाह का अलम था जिस के इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, यहूदाह का क़बीला जिस का कमाँडर नह्सोन बिन अम्मीनदाब था, |
4. | और जिस के लश्कर के 74,600 फ़ौजी थे। |
5. | दूसरे, इश्कार का क़बीला जिस का कमाँडर नतनीएल बिन ज़ुग़र था, |
6. | और जिस के लश्कर के 54,400 फ़ौजी थे। |
7. | तीसरे, ज़बूलून का क़बीला जिस का कमाँडर इलियाब बिन हेलोन था |
8. | और जिस के लश्कर के 57,400 फ़ौजी थे। |
9. | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,86,400 थी। रवाना होते वक़्त यह आगे चलते थे। |
10. | मक़्दिस के जुनूब में रूबिन का अलम था जिस के इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, रूबिन का क़बीला जिस का कमाँडर इलीसूर बिन शदियूर था, |
11. | और जिस के 46,500 फ़ौजी थे। |
12. | दूसरे, शमाऊन का क़बीला जिस का कमाँडर सलूमीएल बिन सूरीशद्दी था, |
13. | और जिस के 59,300 फ़ौजी थे। |
14. | तीसरे, जद का क़बीला जिस का कमाँडर इलियासफ़ बिन दऊएल था, |
15. | और जिस के 45,650 फ़ौजी थे। |
16. | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,51,450 थी। रवाना होते वक़्त यह मशरिक़ी क़बीलों के पीछे चलते थे। |
17. | इन जुनूबी क़बीलों के बाद लावी मुलाक़ात का ख़ैमा उठा कर क़बीलों के ऐन बीच में चलते थे। क़बीले उस तर्तीब से रवाना होते थे जिस तर्तीब से वह अपने ख़ैमे लगाते थे। हर क़बीला अपने अलम के पीछे चलता था। |
18. | मक़्दिस के मग़रिब में इफ़्राईम का अलम था जिस के इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, इफ़्राईम का क़बीला जिस का कमाँडर इलीसमा बिन अम्मीहूद था, |
19. | और जिस के 40,500 फ़ौजी थे। |
20. | दूसरे, मनस्सी का क़बीला जिस का कमाँडर जमलीएल बिन फ़दाह्सूर था, |
21. | और जिस के 32,200 फ़ौजी थे। |
22. | तीसरे, बिन्यमीन का क़बीला जिस का कमाँडर अबिदान बिन जिदाऊनी था, |
23. | और जिस के 35,400 फ़ौजी थे। |
24. | तीनों क़बीलों के फ़ौजियों की कुल तादाद 1,08,100 थी। रवाना होते वक़्त यह जुनूबी क़बीलों के पीछे चलते थे। |
25. | मक़्दिस के शिमाल में दान का अलम था जिस के इर्दगिर्द तीन दस्ते ख़ैमाज़न थे। पहले, दान का क़बीला जिस का कमाँडर अख़ीअज़र बिन अम्मीशद्दी था, |
26. | और जिस के 62,700 फ़ौजी थे। |
27. | दूसरे, आशर का क़बीला जिस का कमाँडर फ़जईएल बिन अक्रान था, |
28. | और जिस के 41,500 फ़ौजी थे। |
29. | तीसरे, नफ़्ताली का क़बीला जिस का कमाँडर अख़ीरा बिन एनान था, |
30. | और जिस के 53,400 फ़ौजी थे। |
31. | तीनों क़बीलों की कुल तादाद 1,57,600 थी। वह आख़िर में अपना अलम उठा कर रवाना होते थे। |
32. | पूरी ख़ैमागाह के फ़ौजियों की कुल तादाद 6,03,550 थी। |
33. | सिर्फ़ लावी इस तादाद में शामिल नहीं थे, क्यूँकि रब्ब ने मूसा को हुक्म दिया था कि उन की भर्ती न की जाए। |
34. | यूँ इस्राईलियों ने सब कुछ उन हिदायात के मुताबिक़ किया जो रब्ब ने मूसा को दी थीं। उन के मुताबिक़ ही वह अपने झंडों के इर्दगिर्द अपने ख़ैमे लगाते थे और उन के मुताबिक़ ही अपने कुंबों और आबाई घरानों के साथ रवाना होते थे। |
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