Numbers (19/36)  

1. रब्ब ने मूसा और हारून से कहा,
2. “इस्राईलियों को बताना कि वह तुम्हारे पास सुर्ख़ रंग की जवान गाय ले कर आएँ। उस में नुक़्स न हो और उस पर कभी जूआ न रखा गया हो।
3. तुम उसे इलीअज़र इमाम को देना जो उसे ख़ैमे के बाहर ले जाए। वहाँ उसे उस की मौजूदगी में ज़बह किया जाए।
4. फिर इलीअज़र इमाम अपनी उंगली से उस के ख़ून से कुछ ले कर मुलाक़ात के ख़ैमे के सामने वाले हिस्से की तरफ़ छिड़के।
5. उस की मौजूदगी में पूरी की पूरी गाय को जलाया जाए। उस की खाल, गोश्त, ख़ून और अंतड़ियों का गोबर भी जलाया जाए।
6. फिर वह देओदार की लकड़ी, ज़ूफ़ा और क़िर्मिज़ी रंग का धागा ले कर उसे जलती हुई गाय पर फैंके।
7. इस के बाद वह अपने कपड़ों को धो कर नहा ले। फिर वह ख़ैमागाह में आ सकता है लेकिन शाम तक नापाक रहेगा।
8. जिस आदमी ने गाय को जलाया वह भी अपने कपड़ों को धो कर नहा ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा।
9. एक दूसरा आदमी जो पाक है गाय की राख इकट्ठी करके ख़ैमागाह के बाहर किसी पाक जगह पर डाल दे। वहाँ इस्राईल की जमाअत उसे नापाकी दूर करने का पानी तय्यार करने के लिए मह्फ़ूज़ रखे। यह गुनाह से पाक करने के लिए इस्तेमाल होगा।
10. जिस आदमी ने राख इकट्ठी की है वह भी अपने कपड़ों को धो ले। वह भी शाम तक नापाक रहेगा। यह इस्राईलियों और उन के दर्मियान रहने वाले परदेसियों के लिए दाइमी उसूल हो।
11. जो भी लाश छुए वह सात दिन तक नापाक रहेगा।
12. तीसरे और सातवें दिन वह अपने आप पर नापाकी दूर करने का पानी छिड़क कर पाक-साफ़ हो जाए। इस के बाद ही वह पाक होगा। लेकिन अगर वह इन दोनों दिनों में अपने आप को यूँ पाक न करे तो नापाक रहेगा।
13. जो भी लाश छू कर अपने आप को यूँ पाक नहीं करता वह रब्ब के मक़्दिस को नापाक करता है। लाज़िम है कि उसे इस्राईल में से मिटाया जाए। चूँकि नापाकी दूर करने का पानी उस पर छिड़का नहीं गया इस लिए वह नापाक रहेगा।
14. अगर कोई डेरे में मर जाए तो जो भी उस वक़्त उस में मौजूद हो या दाख़िल हो जाए वह सात दिन तक नापाक रहेगा।
15. हर खुला बर्तन जो ढकने से बन्द न किया गया हो वह भी नापाक होगा।
16. इसी तरह जो खुले मैदान में लाश छुए वह भी सात दिन तक नापाक रहेगा, ख़्वाह वह तल्वार से या तबई मौत मरा हो। जो इन्सान की कोई हड्डी या क़ब्र छुए वह भी सात दिन तक नापाक रहेगा।
17. नापाकी दूर करने के लिए उस सुर्ख़ रंग की गाय की राख में से कुछ लेना जो गुनाह दूर करने के लिए जलाई गई थी। उसे बर्तन में डाल कर ताज़ा पानी में मिलाना।
18. फिर कोई पाक आदमी कुछ ज़ूफ़ा ले और उसे उस पानी में डुबो कर मरे हुए शख़्स के ख़ैमे, उस के सामान और उन लोगों पर छिड़के जो उस के मरते वक़्त वहाँ थे। इसी तरह वह पानी उस शख़्स पर भी छिड़के जिस ने तबई या ग़ैरतबई मौत मरे हुए शख़्स को, किसी इन्सान की हड्डी को या कोई क़ब्र छूई हो।
19. पाक आदमी यह पानी तीसरे और सातवें दिन नापाक शख़्स पर छिड़के। सातवें दिन वह उसे पाक करे। जिसे पाक किया जा रहा है वह अपने कपड़े धो कर नहा ले तो वह उसी शाम पाक होगा।
20. लेकिन जो नापाक शख़्स अपने आप को पाक नहीं करता उसे जमाअत में से मिटाना है, क्यूँकि उस ने रब्ब का मक़्दिस नापाक कर दिया है। नापाकी दूर करने का पानी उस पर नहीं छिड़का गया, इस लिए वह नापाक रहा है।
21. यह उन के लिए दाइमी उसूल है। जिस आदमी ने नापाकी दूर करने का पानी छिड़का है वह भी अपने कपड़े धोए। बल्कि जिस ने भी यह पानी छुआ है शाम तक नापाक रहेगा।
22. और नापाक शख़्स जो भी चीज़ छुए वह नापाक हो जाती है। न सिर्फ़ यह बल्कि जो बाद में यह नापाक चीज़ छुए वह भी शाम तक नापाक रहेगा।”

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