Micah (2/7)  

1. उन पर अफ़्सोस जो दूसरों को नुक़्सान पहुँचाने के मन्सूबे बाँधते और अपने बिस्तर पर ही साज़िशें करते हैं। पौ फटते ही वह उठ कर उन्हें पूरा करते हैं, क्यूँकि वह यह करने का इख़तियार रखते हैं।
2. जब वह किसी खेत या मकान के लालच में आ जाते हैं तो उसे छीन लेते हैं। वह लोगों पर ज़ुल्म करके उन के घर और मौरूसी मिल्कियत उन से लूट लेते हैं।
3. चुनाँचे रब्ब फ़रमाता है, “मैं इस क़ौम पर आफ़त का मन्सूबा बाँध रहा हूँ, ऐसा फंदा जिस में से तुम अपनी गरदनों को निकाल नहीं सकोगे। तब तुम सर उठा कर नहीं फिरोगे, क्यूँकि वक़्त बुरा ही होगा।
4. उस दिन लोग अपने गीतों में तुम्हारा मज़ाक़ उड़ाएँगे, वह मातम का तल्ख़ गीत गा कर तुम्हें लान-तान करेंगे, ‘हाय, हम सरासर तबाह हो गए हैं! मेरी क़ौम की मौरूसी ज़मीन दूसरों के हाथ में आ गई है। वह किस तरह मुझ से छीन ली गई है! हमारे काम के जवाब में हमारे खेत दूसरों में तक़्सीम हो रहे हैं’।”
5. चुनाँचे आइन्दा तुम में से कोई नहीं होगा जो रब्ब की जमाअत में क़ुरआ डाल कर मौरूसी ज़मीन तक़्सीम करे।
6. वह नुबुव्वत करते हैं, “नुबुव्वत मत करो! नुबुव्वत करते वक़्त इन्सान को इस क़िस्म की बातें नहीं सुनानी चाहिएँ। यह सहीह नहीं कि हमारी रुस्वाई हो जाएगी।”
7. ऐ याक़ूब के घराने, क्या तुझे इस तरह की बातें करनी चाहिएँ, “क्या रब्ब नाराज़ है? क्या वह ऐसा काम करेगा?” रब्ब फ़रमाता है, “यह बात दुरुस्त है कि मैं उस से मेहरबान बातें करता हूँ जो सहीह राह पर चले।
8. लेकिन काफ़ी देर से मेरी क़ौम दुश्मन बन कर उठ खड़ी हुई है। जिन लोगों का जंग करने से ताल्लुक़ ही नहीं उन से तुम चादर तक सब कुछ छीन लेते हो जब वह अपने आप को मह्फ़ूज़ समझ कर तुम्हारे पास से गुज़रते हैं।
9. मेरी क़ौम की औरतों को तुम उन के ख़ुशनुमा घरों से भगा कर उन के बच्चों को हमेशा के लिए मेरी शानदार बर्कतों से महरूम कर देते हो।
10. अब उठ कर चले जाओ! आइन्दा तुम्हें यहाँ सुकून हासिल नहीं होगा। क्यूँकि नापाकी के सबब से यह मक़ाम अज़ियतनाक तरीक़े से तबाह हो जाएगा।
11. हक़ीक़त में यह क़ौम ऐसा फ़रेबदिह नबी चाहती है जो ख़ाली हाथ आ कर उस से कहे, ‘तुम्हें कस्रत की मै और शराब हासिल होगी!’
12. ऐ याक़ूब की औलाद, एक दिन मैं तुम सब को यक़ीनन जमा करूँगा। तब मैं इस्राईल का बचा हुआ हिस्सा यूँ इकट्ठा करूँगा जिस तरह भेड़-बक्रियों को बाड़े में या रेवड़ को चरागाह में। मुल्क में चारों तरफ़ हुजूमों का शोर मचेगा।
13. एक राहनुमा उन के आगे आगे चलेगा जो उन के लिए रास्ता खोलेगा। तब वह शहर के दरवाज़े को तोड़ कर उस में से निकलेंगे। उन का बादशाह उन के आगे आगे चलेगा, रब्ब ख़ुद उन की राहनुमाई करेगा।”

  Micah (2/7)