Matthew (1/28)  

1. ईसा मसीह बिन दाऊद बिन इब्राहीम का नसबनामा :
2. इब्राहीम इस्हाक़ का बाप था, इस्हाक़ याक़ूब का बाप और याक़ूब यहूदा और उस के भाइयों का बाप।
3. यहूदा के दो बेटे फ़ारस और ज़ारह थे (उन की माँ तमर थी)। फ़ारस हस्रोन का बाप और हस्रोन राम का बाप था।
4. राम अम्मीनदाब का बाप, अम्मीनदाब नह्सोन का बाप और नह्सोन सल्मोन का बाप था।
5. सल्मोन बोअज़ का बाप था (बोअज़ की माँ राहब थी)। बोअज़ ओबेद का बाप था (ओबेद की माँ रूत थी)। ओबेद यस्सी का बाप और
6. यस्सी दाऊद बादशाह का बाप था। दाऊद सुलैमान का बाप था (सुलैमान की माँ पहले ऊरिय्याह की बीवी थी)।
7. सुलैमान रहुबिआम का बाप, रहुबिआम अबियाह का बाप और अबियाह आसा का बाप था।
8. आसा यहूसफ़त का बाप, यहूसफ़त यूराम का बाप और यूराम उज़्ज़ियाह का बाप था।
9. उज़्ज़ियाह यूताम का बाप, यूताम आख़ज़ का बाप और आख़ज़ हिज़क़ियाह का बाप था।
10. हिज़क़ियाह मनस्सी का बाप, मनस्सी अमून का बाप और अमून यूसियाह का बाप था।
11. यूसियाह यहूयाकीन और उस के भाइयों का बाप था (यह बाबल की जिलावतनी के दौरान पैदा हुए)।
12. बाबल की जिलावतनी के बाद यहूयाकीन सियाल्तीएल का बाप और सियाल्तीएल ज़रुब्बाबल का बाप था।
13. ज़रुब्बाबल अबीहूद का बाप, अबीहूद इलियाक़ीम का बाप और इलियाक़ीम आज़ोर का बाप था।
14. आज़ोर सदोक़ का बाप, सदोक़ अख़ीम का बाप और अख़ीम इलीहूद का बाप था।
15. इलीहूद इलीअज़र का बाप, अलीअज़र मत्तान का बाप और मत्तान का बाप याक़ूब था।
16. याक़ूब मरियम के शौहर यूसुफ़ का बाप था। इस मरियम से ईसा पैदा हुआ, जो मसीह कहलाता है।
17. यूँ इब्राहीम से दाऊद तक 14 नसलें हैं, दाऊद से बाबल की जिलावतनी तक 14 नसलें हैं और जिलावतनी से मसीह तक 14 नसलें हैं
18. ईसा मसीह की पैदाइश यूँ हुई : उस वक़्त उस की माँ मरियम की मंगनी यूसुफ़ के साथ हो चुकी थी कि वह रूह-उल-क़ुद्स से हामिला पाई गई। अभी उन की शादी नहीं हुई थी।
19. उस का मंगेतर यूसुफ़ रास्तबाज़ था, वह अलानिया मरियम को बदनाम नहीं करना चाहता था। इस लिए उस ने ख़ामोशी से यह रिश्ता तोड़ने का इरादा कर लिया।
20. वह इस बात पर अभी ग़ौर-ओ-फ़िक्र कर ही रहा था कि रब्ब का फ़रिश्ता ख़्वाब में उस पर ज़ाहिर हुआ और फ़रमाया, “यूसुफ़ बिन दाऊद, मरियम से शादी करके उसे अपने घर ले आने से मत डर, क्यूँकि पैदा होने वाला बच्चा रूह-उल-क़ुद्स से है।
21. उस के बेटा होगा और उस का नाम ईसा रखना, क्यूँकि वह अपनी क़ौम को उस के गुनाहों से रिहाई देगा।”
22. यह सब कुछ इस लिए हुआ ताकि रब्ब की वह बात पूरी हो जाए जो उस ने अपने नबी की मारिफ़त फ़रमाई थी,
23. “देखो एक कुंवारी हामिला होगी। उस से बेटा पैदा होगा और लोग उस का नाम इम्मानूएल रखेंगे।” (इम्मानूएल का मतलब ‘ख़ुदा हमारे साथ’ है।)
24. जब यूसुफ़ जाग उठा तो उस ने रब्ब के फ़रिश्ते के फ़रमान के मुताबिक़ मरियम से शादी कर ली और उसे अपने घर ले गया।
25. लेकिन जब तक उस के बेटा पैदा न हुआ वह मरियम से हमबिसतर न हुआ। और यूसुफ़ ने बच्चे का नाम ईसा रखा।

      Matthew (1/28)