← Leviticus (2/27) → |
1. | अगर कोई रब्ब को ग़ल्ला की नज़र पेश करना चाहे तो वह इस के लिए बेहतरीन मैदा इस्तेमाल करे। उस पर वह ज़ैतून का तेल उंडेले और लुबान रख कर |
2. | उसे हारून के बेटों के पास ले आए जो इमाम हैं। इमाम तेल से मिलाया गया मुट्ठी भर मैदा और तमाम लुबान ले कर क़ुर्बानगाह पर जला दे। यह यादगार का हिस्सा है, और उस की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। |
3. | बाक़ी मैदा और तेल हारून और उस के बेटों का हिस्सा है। वह रब्ब की जलने वाली क़ुर्बानियों में से एक निहायत मुक़द्दस हिस्सा है। |
4. | अगर यह क़ुर्बानी तनूर में पकाई हुई रोटी हो तो उस में ख़मीर न हो। इस की दो क़िस्में हो सकती हैं, रोटियाँ जो बेहतरीन मैदे और तेल से बनी हुई हों और रोटियाँ जिन पर तेल लगाया गया हो। |
5. | अगर यह क़ुर्बानी तवे पर पकाई हुई रोटी हो तो वह बेहतरीन मैदे और तेल की हो। उस में ख़मीर न हो। |
6. | चूँकि वह ग़ल्ला की नज़र है इस लिए रोटी को टुकड़े टुकड़े करना और उस पर तेल डालना। |
7. | अगर यह क़ुर्बानी कड़ाही में पकाई हुई रोटी हो तो वह बेहतरीन मैदे और तेल की हो। |
8. | अगर तू इन चीज़ों की बनी हुई ग़ल्ला की नज़र रब्ब के हुज़ूर लाना चाहे तो उसे इमाम को पेश करना। वही उसे क़ुर्बानगाह के पास ले आए। |
9. | फिर इमाम यादगार का हिस्सा अलग करके उसे क़ुर्बानगाह पर जला दे। ऐसी क़ुर्बानी की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। |
10. | क़ुर्बानी का बाक़ी हिस्सा हारून और उस के बेटों के लिए है। वह रब्ब की जलने वाली क़ुर्बानियों में से एक निहायत मुक़द्दस हिस्सा है। |
11. | ग़ल्ला की जितनी नज़रें तुम रब्ब को पेश करते हो उन में ख़मीर न हो, क्यूँकि लाज़िम है कि तुम रब्ब को जलने वाली क़ुर्बानी पेश करते वक़्त न ख़मीर, न शहद जलाओ। |
12. | यह चीज़ें फ़सल के पहले फलों के साथ रब्ब को पेश की जा सकती हैं, लेकिन उन्हें क़ुर्बानगाह पर न जलाया जाए, क्यूँकि वहाँ रब्ब को उन की ख़ुश्बू पसन्द नहीं है। |
13. | ग़ल्ला की हर नज़र में नमक हो, क्यूँकि नमक उस अह्द की नुमाइन्दगी करता है जो तेरे ख़ुदा ने तेरे साथ बाँधा है। तुझे हर क़ुर्बानी में नमक डालना है। |
14. | अगर तू ग़ल्ला की नज़र के लिए फ़सल के पहले फल पेश करना चाहे तो कुचली हुई कच्ची बालियाँ भून कर पेश करना। |
15. | चूँकि वह ग़ल्ला की नज़र है इस लिए उस पर तेल उंडेलना और लुबान रखना। |
16. | कुचले हुए दानों और तेल का जो हिस्सा रब्ब का है यानी यादगार का हिस्सा उसे इमाम तमाम लुबान के साथ जला दे। यह नज़र रब्ब के लिए जलने वाली क़ुर्बानी है। |
← Leviticus (2/27) → |