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1. | रब्ब ने मूसा और हारून से कहा, |
2. | “इस्राईलियों को बताना कि अगर किसी मर्द को जरयान का मर्ज़ हो तो वह ख़ारिज होने वाले माए के सबब से नापाक है, |
3. | चाहे माए बहता रहता हो या रुक गया हो। |
4. | जिस चीज़ पर भी मरीज़ लेटता या बैठता है वह नापाक है। |
5. | जो कोई भी उस के लेटने की जगह को छुए या उस के बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
6. | जो कोई भी उस के लेटने की जगह को छुए या उस के बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
7. | इसी तरह जो कोई भी ऐसे मरीज़ को छुए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
8. | अगर मरीज़ किसी पाक शख़्स पर थूके तो यही कुछ करना है और वह शख़्स शाम तक नापाक रहेगा। |
9. | जब ऐसा मरीज़ किसी जानवर पर सवार होता है तो हर चीज़ जिस पर वह बैठ जाता है नापाक है। |
10. | जो कोई भी ऐसी चीज़ छुए या उसे उठा कर ले जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
11. | जिस किसी को भी मरीज़ अपने हाथ धोए बग़ैर छुए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
12. | मिट्टी का जो बर्तन ऐसा मरीज़ छुए उसे तोड़ दिया जाए। लकड़ी का जो बर्तन वह छुए उसे ख़ूब धोया जाए। |
13. | जिसे इस मर्ज़ से शिफ़ा मिली है वह सात दिन इन्तिज़ार करे। इस के बाद वह ताज़ा पानी से अपने कपड़े धो कर नहा ले। फिर वह पाक हो जाएगा। |
14. | आठवें दिन वह दो क़ुम्रियाँ या दो जवान कबूतर ले कर मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर रब्ब के सामने इमाम को दे। |
15. | इमाम उन में से एक को गुनाह की क़ुर्बानी के तौर पर और दूसरे को भस्म होने वाली क़ुर्बानी के तौर पर चढ़ाए। यूँ वह रब्ब के सामने उस का कफ़्फ़ारा देगा। |
16. | अगर किसी मर्द का नुत्फ़ा ख़ारिज हो जाए तो वह अपने पूरे जिस्म को धो ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
17. | हर कपड़ा या चमड़ा जिस से नुत्फ़ा लग गया हो उसे धोना है। वह भी शाम तक नापाक रहेगा। |
18. | अगर मर्द और औरत के हमबिसतर होने पर नुत्फ़ा ख़ारिज हो जाए तो लाज़िम है कि दोनों नहा लें। वह शाम तक नापाक रहेंगे। |
19. | माहवारी के वक़्त औरत सात दिन तक नापाक है। जो कोई भी उसे छुए वह शाम तक नापाक रहेगा। |
20. | इस दौरान जिस चीज़ पर भी वह लेटती या बैठती है वह नापाक है। |
21. | जो कोई भी उस के लेटने की जगह को छुए या उस के बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
22. | जो कोई भी उस के लेटने की जगह को छुए या उस के बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
23. | जो कोई भी उस के लेटने की जगह को छुए या उस के बैठने की जगह पर बैठ जाए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
24. | अगर मर्द औरत से हमबिसतर हो और उसी वक़्त माहवारी के दिन शुरू हो जाएँ तो मर्द ख़ून लगने के बाइस सात दिन तक नापाक रहेगा। जिस चीज़ पर भी वह लेटता है वह नापाक हो जाएगी। |
25. | अगर किसी औरत को माहवारी के दिन छोड़ कर किसी और वक़्त कई दिनों तक ख़ून आए या ख़ून माहवारी के दिनों के बाद भी जारी रहे तो वह माहवारी के दिनों की तरह उस वक़्त तक नापाक रहेगी जब तक ख़ून रुक न जाए। |
26. | जिस चीज़ पर भी वह लेटती या बैठती है वह नापाक है। |
27. | जो कोई भी ऐसी चीज़ को छुए वह अपने कपड़े धो कर नहा ले। वह शाम तक नापाक रहेगा। |
28. | ख़ून के रुक जाने पर औरत मज़ीद सात दिन इन्तिज़ार करे। फिर वह पाक होगी। |
29. | आठवें दिन वह दो क़ुम्रियाँ या दो जवान कबूतर ले कर मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर इमाम के पास आए। |
30. | इमाम उन में से एक को गुनाह की क़ुर्बानी के लिए और दूसरे को भस्म होने वाली क़ुर्बानी के लिए चढ़ाए। यूँ वह रब्ब के सामने उस की नापाकी का कफ़्फ़ारा देगा। |
31. | लाज़िम है कि इस्राईलियों को ऐसी चीज़ों से दूर रखा जाए जिन से वह नापाक हो जाएँ। वर्ना मेरा वह मक़्दिस जो उन के दर्मियान है उन से नापाक हो जाएगा और वह हलाक हो जाएँगे। |
32. | लाज़िम है कि इस क़िस्म के मुआमलों से ऐसे निपटो जैसे बयान किया गया है। इस में वह मर्द शामिल है जो जरयान का मरीज़ है और वह जो नुत्फ़ा ख़ारिज होने के बाइस नापाक है। |
33. | इस में वह औरत भी शामिल है जिस के माहवारी के अय्याम हैं और वह मर्द जो नापाक औरत से हमबिसतर हो जाता है।” |
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