Leviticus (1/27) → |
1. | रब्ब ने मुलाक़ात के ख़ैमे में से मूसा को बुला कर कहा |
2. | कि इस्राईलियों को इत्तिला दे, “अगर तुम में से कोई रब्ब को क़ुर्बानी पेश करना चाहे तो वह अपने गाय-बैलों या भेड़-बक्रियों में से जानवर चुन ले। |
3. | अगर वह अपने गाय-बैलों में से भस्म होने वाली क़ुर्बानी चढ़ाना चाहे तो वह बेऐब बैल चुन कर उसे मुलाक़ात के ख़ैमे के दरवाज़े पर पेश करे ताकि रब्ब उसे क़बूल करे। |
4. | क़ुर्बानी पेश करने वाला अपना हाथ जानवर के सर पर रखे तो यह क़ुर्बानी मक़्बूल हो कर उस का कफ़्फ़ारा देगी। |
5. | क़ुर्बानी पेश करने वाला बैल को वहाँ रब्ब के सामने ज़बह करे। फिर हारून के बेटे जो इमाम हैं उस का ख़ून रब्ब को पेश करके उसे दरवाज़े पर की क़ुर्बानगाह के चार पहलूओं पर छिड़कें। |
6. | इस के बाद क़ुर्बानी पेश करने वाला खाल उतार कर जानवर के टुकड़े टुकड़े करे। |
7. | इमाम क़ुर्बानगाह पर आग लगा कर उस पर तर्तीब से लकड़ियाँ चुनें। |
8. | उस पर वह जानवर के टुकड़े सर और चर्बी समेत रखें। |
9. | लाज़िम है कि क़ुर्बानी पेश करने वाला पहले जानवर की अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ धोए, फिर इमाम पूरे जानवर को क़ुर्बानगाह पर जला दे। इस जलने वाली क़ुर्बानी की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। |
10. | अगर भस्म होने वाली क़ुर्बानी भेड़-बक्रियों में से चुनी जाए तो वह बेऐब नर हो। |
11. | पेश करने वाला उसे रब्ब के सामने क़ुर्बानगाह की शिमाली सिम्त में ज़बह करे। फिर हारून के बेटे जो इमाम हैं उस का ख़ून क़ुर्बानगाह के चार पहलूओं पर छिड़कें। |
12. | इस के बाद पेश करने वाला जानवर के टुकड़े टुकड़े करे और इमाम यह टुकड़े सर और चर्बी समेत क़ुर्बानगाह की जलती हुई लकड़ियों पर तर्तीब से रखे। |
13. | लाज़िम है कि क़ुर्बानी पेश करने वाला पहले जानवर की अंतड़ियाँ और पिंडलियाँ धोए, फिर इमाम पूरे जानवर को रब्ब को पेश करके क़ुर्बानगाह पर जला दे। इस जलने वाली क़ुर्बानी की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। |
14. | अगर भस्म होने वाली क़ुर्बानी परिन्दा हो तो वह क़ुम्री या जवान कबूतर हो। |
15. | इमाम उसे क़ुर्बानगाह के पास ले आए और उस का सर मरोड़ कर क़ुर्बानगाह पर जला दे। वह उस का ख़ून यूँ निकलने दे कि वह क़ुर्बानगाह की एक तरफ़ से नीचे टपके। |
16. | वह उस का पोटा और जो उस में है दूर करके क़ुर्बानगाह की मशरिक़ी सिम्त में फैंक दे, वहाँ जहाँ राख फैंकी जाती है। |
17. | उसे पेश करते वक़्त इमाम उस के पर पकड़ कर परिन्दे को फाड़ डाले, लेकिन यूँ कि वह बिलकुल टुकड़े टुकड़े न हो जाए। फिर इमाम उसे क़ुर्बानगाह पर जलती हुई लकड़ियों पर जला दे। इस जलने वाली क़ुर्बानी की ख़ुश्बू रब्ब को पसन्द है। |
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