John (14/21)  

1. तुम्हारा दिल न घबराए। तुम अल्लाह पर ईमान रखते हो, मुझ पर भी ईमान रखो।
2. मेरे बाप के घर में बेशुमार मकान हैं। अगर ऐसा न होता तो क्या मैं तुम को बताता कि मैं तुम्हारे लिए जगह तय्यार करने के लिए वहाँ जा रहा हूँ?
3. और अगर मैं जा कर तुम्हारे लिए जगह तय्यार करूँ तो वापस आ कर तुम को अपने साथ ले जाऊँगा ताकि जहाँ मैं हूँ वहाँ तुम भी हो।
4. और जहाँ मैं जा रहा हूँ उस की राह तुम जानते हो।”
5. तोमा बोल उठा, “ख़ुदावन्द, हमें मालूम नहीं कि आप कहाँ जा रहे हैं। तो फिर हम उस की राह किस तरह जानें?”
6. ईसा ने जवाब दिया, “राह और हक़ और ज़िन्दगी मैं हूँ। कोई मेरे वसीले के बग़ैर बाप के पास नहीं आ सकता।
7. अगर तुम ने मुझे जान लिया है तो इस का मतलब है कि तुम मेरे बाप को भी जान लोगे। और अब से ऐसा है भी। तुम उसे जानते हो और तुम ने उस को देख लिया है।”
8. फ़िलिप्पुस ने कहा, “ऐ ख़ुदावन्द, बाप को हमें दिखाएँ। बस यही हमारे लिए काफ़ी है।”
9. ईसा ने जवाब दिया, “फ़िलिप्पुस, मैं इतनी देर से तुम्हारे साथ हूँ, क्या इस के बावुजूद तू मुझे नहीं जानता? जिस ने मुझे देखा उस ने बाप को देखा है। तो फिर तू क्यूँकर कहता है, ‘बाप को हमें दिखाएँ’?
10. क्या तू ईमान नहीं रखता कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझ में है? जो बातें में तुम को बताता हूँ वह मेरी नहीं बल्कि मुझ में रहने वाले बाप की तरफ़ से हैं। वही अपना काम कर रहा है।
11. मेरी बात का यक़ीन करो कि मैं बाप में हूँ और बाप मुझ में है। या कम अज़ कम उन कामों की बिना पर यक़ीन करो जो मैं ने किए हैं।
12. मैं तुम को सच्च बताता हूँ कि जो मुझ पर ईमान रखे वह वही कुछ करेगा जो मैं करता हूँ। न सिर्फ़ यह बल्कि वह इन से भी बड़े काम करेगा, क्यूँकि मैं बाप के पास जा रहा हूँ।
13. और जो कुछ तुम मेरे नाम में माँगो मैं दूँगा ताकि बाप को फ़र्ज़न्द में जलाल मिल जाए।
14. जो कुछ तुम मेरे नाम में मुझ से चाहो वह मैं करूँगा।
15. अगर तुम मुझे पियार करते हो तो मेरे अह्काम के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारोगे।
16. और मैं बाप से गुज़ारिश करूँगा तो वह तुम को एक और मददगार देगा जो अबद तक तुम्हारे साथ रहेगा
17. यानी सच्चाई का रूह, जिसे दुनिया पा नहीं सकती, क्यूँकि वह न तो उसे देखती न जानती है। लेकिन तुम उसे जानते हो, क्यूँकि वह तुम्हारे साथ रहता है और आइन्दा तुम्हारे अन्दर रहेगा।
18. मैं तुम को यतीम छोड़ कर नहीं जाऊँगा बल्कि तुम्हारे पास वापस आऊँगा।
19. थोड़ी देर के बाद दुनिया मुझे नहीं देखेगी, लेकिन तुम मुझे देखते रहोगे। चूँकि मैं ज़िन्दा हूँ इस लिए तुम भी ज़िन्दा रहोगे।
20. जब वह दिन आएगा तो तुम जान लोगे कि मैं अपने बाप में हूँ, तुम मुझ में हो और मैं तुम में।
21. जिस के पास मेरे अह्काम हैं और जो उन के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारता है, वही मुझे पियार करता है। और जो मुझे पियार करता है उसे मेरा बाप पियार करेगा। मैं भी उसे पियार करूँगा और अपने आप को उस पर ज़ाहिर करूँगा।”
22. यहूदाह (यहूदाह इस्करियोती नहीं) ने पूछा, “ख़ुदावन्द, क्या वजह है कि आप अपने आप को सिर्फ़ हम पर ज़ाहिर करेंगे और दुनिया पर नहीं?”
23. ईसा ने जवाब दिया, “अगर कोई मुझे पियार करे तो वह मेरे कलाम के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारेगा। मेरा बाप ऐसे शख़्स को पियार करेगा और हम उस के पास आ कर उस के साथ सुकूनत करेंगे।
24. जो मुझ से मुहब्बत नहीं करता वह मेरी बातों के मुताबिक़ ज़िन्दगी नहीं गुज़ारता। और जो कलाम तुम मुझ से सुनते हो वह मेरा अपना कलाम नहीं है बल्कि बाप का है जिस ने मुझे भेजा है।
25. यह सब कुछ मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम को बताया है।
26. लेकिन बाद में रूह-उल-क़ुद्स, जिसे बाप मेरे नाम से भेजेगा तुम को सब कुछ सिखाएगा। यह मददगार तुम को हर बात की याद दिलाएगा जो मैं ने तुम को बताई है।
27. मैं तुम्हारे पास सलामती छोड़े जाता हूँ, अपनी ही सलामती तुम को दे देता हूँ। और मैं इसे यूँ नहीं देता जिस तरह दुनिया देती है। तुम्हारा दिल न घबराए और न डरे।
28. तुम ने मुझ से सुन लिया है कि ‘मैं जा रहा हूँ और तुम्हारे पास वापस आऊँगा।’ अगर तुम मुझ से मुहब्बत रखते तो तुम इस बात पर ख़ुश होते कि मैं बाप के पास जा रहा हूँ, क्यूँकि बाप मुझ से बड़ा है।
29. मैं ने तुम को पहले से बता दिया है, इस से पेशतर कि यह हो, ताकि जब पेश आए तो तुम ईमान लाओ।
30. अब से मैं तुम से ज़ियादा बातें नहीं करूँगा, क्यूँकि इस दुनिया का हुक्मरान आ रहा है। उसे मुझ पर कोई क़ाबू नहीं है,
31. लेकिन दुनिया यह जान ले कि मैं बाप को पियार करता हूँ और वही कुछ करता हूँ जिस का हुक्म वह मुझे देता है। अब उठो, हम यहाँ से चलें।

  John (14/21)