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1. | “उठ, खड़ी हो कर चमक उठ! क्यूँकि तेरा नूर आ गया है, और रब्ब का जलाल तुझ पर तुलू हुआ है। |
2. | क्यूँकि गो ज़मीन पर तारीकी छाई हुई है और अक़्वाम घने अंधेरे में रहती हैं, लेकिन तुझ पर रब्ब का नूर तुलू हो रहा है, और उस का जलाल तुझ पर ज़ाहिर हो रहा है। |
3. | अक़्वाम तेरे नूर के पास और बादशाह उस चमकती दमकती रौशनी के पास आएँगे जो तुझ पर तुलू होगी। |
4. | अपनी नज़र उठा कर चारों तरफ़ देख! सब के सब जमा हो कर तेरे पास आ रहे हैं। तेरे बेटे दूर दूर से पहुँच रहे हैं, और तेरी बेटियों को गोद में उठा कर क़रीब लाया जा रहा है। |
5. | उस वक़्त तू यह देख कर चमक उठेगी। तेरा दिल ख़ुशी के मारे तेज़ी से धड़कने लगेगा और कुशादा हो जाएगा। क्यूँकि समुन्दर के ख़ज़ाने तेरे पास लाए जाएँगे, अक़्वाम की दौलत तेरे पास पहुँचेगी। |
6. | ऊँटों का ग़ोल बल्कि मिदियान और ऐफ़ा के जवान ऊँट तेरे मुल्क को ढाँप देंगे। वह सोने और बख़ूर से लदे हुए और रब्ब की हम्द-ओ-सना करते हुए मुल्क-ए-सबा से आएँगे। |
7. | क़ीदार की तमाम भेड़-बक्रियाँ तेरे हवाले की जाएँगी, और नबायोत के मेंढे तेरी ख़िदमत के लिए हाज़िर होंगे। उन्हें मेरी क़ुर्बानगाह पर चढ़ाया जाएगा और मैं उन्हें पसन्द करूँगा। यूँ मैं अपने जलाल के घर को शान-ओ-शौकत से आरास्ता करूँगा। |
8. | यह कौन हैं जो बादलों की तरह और काबुक के पास वापस आने वाले कबूतरों की मानिन्द उड़ कर आ रहे हैं? |
9. | यह तरसीस के ज़बरदस्त बहरी जहाज़ हैं जो तेरे पास पहुँच रहे हैं। क्यूँकि जज़ीरे मुझ से उम्मीद रखते हैं। यह जहाज़ तेरे बेटों को उन की सोने-चाँदी समेत दूरदराज़ इलाक़ों से ले कर आ रहे हैं। यूँ रब्ब तेरे ख़ुदा के नाम और इस्राईल के क़ुद्दूस की ताज़ीम होगी जिस ने तुझे शान-ओ-शौकत से नवाज़ा है। |
10. | परदेसी तेरी दीवारें अज़ सर-ए-नौ तामीर करेंगे, और उन के बादशाह तेरी ख़िदमत करेंगे। क्यूँकि गो मैं ने अपने ग़ज़ब में तुझे सज़ा दी, लेकिन अब मैं अपने फ़ज़्ल से तुझ पर रहम करूँगा। |
11. | तेरी फ़सील के दरवाज़े हमेशा खुले रहेंगे। उन्हें न दिन को बन्द किया जाएगा, न रात को ताकि अक़्वाम का माल-ओ-दौलत और उन के गिरिफ़्तार किए गए बादशाहों को शहर के अन्दर लाया जा सके। |
12. | क्यूँकि जो क़ौम या सल्तनत तेरी ख़िदमत करने से इन्कार करे वह बर्बाद हो जाएगी, उसे पूरे तौर पर तबाह किया जाएगा। |
13. | लुब्नान की शान-ओ-शौकत तेरे सामने हाज़िर होगी। जूनीपर, सनोबर और सर्व के दरख़्त मिल कर तेरे पास आएँगे ताकि मेरे मक़्दिस को आरास्ता करें। यूँ मैं अपने पाँओ की चौकी को जलाल दूँगा। |
14. | तुझ पर ज़ुल्म करने वालों के बेटे झुक झुक कर तेरे हुज़ूर आएँगे, तेरी तह्क़ीर करने वाले तेरे पाँओ के सामने औंधे मुँह हो जाएँगे। वह तुझे ‘रब्ब का शहर’ और ‘इस्राईल के क़ुद्दूस का सिय्यून’ क़रार देंगे। |
15. | पहले तुझे तर्क किया गया था, लोग तुझ से नफ़रत रखते थे, और तुझ में से कोई नहीं गुज़रता था। लेकिन अब मैं तुझे अबदी फ़ख़र का बाइस बना दूँगा, और तमाम नसलें तुझे देख कर ख़ुश होंगी। |
16. | तू अक़्वाम का दूध पिएगी, और बादशाह तुझे दूध पिलाएँगे। तब तू जान लेगी कि मैं रब्ब तेरा नजातदिहन्दा हूँ, कि मैं जो याक़ूब का ज़बरदस्त सूर्मा हूँ तेरा छुड़ाने वाला हूँ। |
17. | मैं तेरे पीतल को सोने में, तेरे लोहे को चाँदी में, तेरी लकड़ी को पीतल में और तेरे पत्थर को लोहे में बदलूँगा। मैं सलामती को तेरी मुहाफ़िज़ और रास्ती को तेरी निगरान बनाऊँगा। |
18. | अब से तेरे मुल्क में न तशद्दुद का ज़िक्र होगा, न बर्बादी-ओ-तबाही का। अब से तेरी चारदीवारी ‘नजात’ और तेरे दरवाज़े ‘हम्द-ओ-सना’ कहलाएँगे। |
19. | आइन्दा तुझे न दिन के वक़्त सूरज, न रात के वक़्त चाँद की ज़रूरत होगी, क्यूँकि रब्ब ही तेरी अबदी रौशनी होगा, तेरा ख़ुदा ही तेरी आब-ओ-ताब होगा। |
20. | आइन्दा तेरा सूरज कभी ग़ुरूब नहीं होगा, तेरा चाँद कभी नहीं घटेगा। क्यूँकि रब्ब तेरा अबदी नूर होगा, और मातम के तेरे दिन ख़त्म हो जाएँगे। |
21. | तब तेरी क़ौम के तमाम अफ़राद रास्तबाज़ होंगे, और मुल्क हमेशा तक उन की मिल्कियत रहेगा। क्यूँकि वह मेरे हाथ से लगाई हुई पनीरी होंगे, मेरे हाथ का काम जिस से मैं अपना जलाल ज़ाहिर करूँगा। |
22. | तब सब से छोटे ख़ान्दान की तादाद बढ़ कर हज़ार अफ़राद पर मुश्तमिल होगी, सब से कमज़ोर कुम्बा ताक़तवर क़ौम बनेगा। मुक़र्ररा वक़्त पर मैं, रब्ब यह सब कुछ तेज़ी से अन्जाम दूँगा।” |
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