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1. | लेकिन अब रब्ब जिस ने तुझे ऐ याक़ूब ख़लक़ किया और तुझे ऐ इस्राईल तश्कील दिया फ़रमाता है, “ख़ौफ़ मत खा, क्यूँकि मैं ने इवज़ाना दे कर तुझे छुड़ाया है, मैं ने तेरा नाम ले कर तुझे बुलाया है, तू मेरा ही है। |
2. | पानी की गहराइयों में से गुज़रते वक़्त मैं तेरे साथ हूँगा, दरयाओं को पार करते वक़्त तू नहीं डूबेगा। आग में से गुज़रते वक़्त न तू झुलस जाएगा, न शोलों से भस्म हो जाएगा। |
3. | क्यूँकि मैं रब्ब तेरा ख़ुदा हूँ, मैं इस्राईल का क़ुद्दूस और तेरा नजातदिहन्दा हूँ। तुझे छुड़ाने के लिए मैं इवज़ाना के तौर पर मिस्र देता, तेरी जगह एथोपिया और सिबा अदा करता हूँ। |
4. | तू मेरी नज़र में क़ीमती और अज़ीज़ है, तू मुझे पियारा है, इस लिए मैं तेरे बदले में लोग और तेरी जान के इवज़ क़ौमें अदा करता हूँ। |
5. | चुनाँचे मत डरना, क्यूँकि मैं तेरे साथ हूँ। मैं तेरी औलाद को मशरिक़ और मग़रिब से जमा करके वापस लाऊँगा। |
6. | शिमाल को मैं हुक्म दूँगा, ‘मुझे दो!’ और जुनूब को, ‘उन्हें मत रोकना!’ मेरे बेटे-बेटियों को दुनिया की इन्तिहा से वापस ले आओ, |
7. | उन सब को जो मेरा नाम रखते हैं और जिन्हें मैं ने अपने जलाल की ख़ातिर ख़लक़ किया, जिन्हें मैं ने तश्कील दे कर बनाया है।” |
8. | उस क़ौम को निकाल लाओ जो आँखें रखने के बावुजूद देख नहीं सकती, जो कान रखने के बावुजूद सुन नहीं सकती। |
9. | तमाम ग़ैरक़ौमें जमा हो जाएँ, तमाम उम्मतें इकट्ठी हो जाएँ। उन में से कौन इस की पेशगोई कर सकता, कौन माज़ी की बातें सुना सकता है? वह अपने गवाहों को पेश करें जो उन्हें दुरुस्त साबित करें, ताकि लोग सुन कर कहें, “उन की बात बिलकुल सहीह है।” |
10. | लेकिन रब्ब फ़रमाता है, “ऐ इस्राईली क़ौम, तुम ही मेरे गवाह हो, तुम ही मेरा ख़ादिम हो जिसे मैं ने चुन लिया ताकि तुम जान लो, मुझ पर ईमान लाओ और पहचान लो कि मैं ही हूँ। न मुझ से पहले कोई ख़ुदा वुजूद में आया, न मेरे बाद कोई आएगा। |
11. | मैं, सिर्फ़ मैं रब्ब हूँ, और मेरे सिवा कोई और नजातदिहन्दा नहीं है। |
12. | मैं ही ने इस का एलान करके तुम्हें छुटकारा दिया, मैं ही तुम्हें अपना कलाम पहुँचाता रहा। और यह तुम्हारे दर्मियान के किसी अजनबी माबूद से कभी नहीं हुआ बल्कि सिर्फ़ मुझ ही से। तुम ही मेरे गवाह हो कि मैं ही ख़ुदा हूँ।” यह रब्ब का फ़रमान है। |
13. | “अज़ल से मैं वही हूँ। कोई नहीं है जो मेरे हाथ से छुड़ा सके। जब मैं कुछ अमल में लाता हूँ तो कौन इसे बदल सकता है?” |
14. | रब्ब जो तुम्हारा छुड़ाने वाला और इस्राईल का क़ुद्दूस है फ़रमाता है, “तुम्हारी ख़ातिर मैं बाबल के ख़िलाफ़ फ़ौज भेज कर तमाम कुंडे तुड़वा दूँगा। तब बाबल की शादमानी गिर्या-ओ-ज़ारी में बदल जाएगी। |
15. | मैं रब्ब हूँ, तुम्हारा क़ुद्दूस जो इस्राईल का ख़ालिक़ और तुम्हारा बादशाह है।” |
16. | रब्ब फ़रमाता है, “मैं ही ने समुन्दर में से गुज़रने की राह और गहरे पानी में से रास्ता बना दिया। |
17. | मेरे कहने पर मिस्र की फ़ौज अपने सूर्माओं, रथों और घोड़ों समेत लड़ने के लिए निकल आए। अब वह मिल कर समुन्दर की तह में पड़े हुए हैं और दुबारा कभी नहीं उठेंगे। वह बत्ती की तरह बुझ गए। |
18. | लेकिन माज़ी की बातें छोड़ दो, जो कुछ गुज़र गया है उस पर ध्यान न दो। |
19. | क्यूँकि देखो, मैं एक नया काम वुजूद में ला रहा हूँ जो अभी फूट निकलने को है। क्या यह तुम्हें नज़र नहीं आ रहा? मैं रेगिस्तान में रास्ता और बियाबान में नहरें बना रहा हूँ। |
20. | जंगली जानवर, गीदड़ और उक़ाबी उल्लू मेरा एहतिराम करेंगे, क्यूँकि मैं रेगिस्तान में पानी मुहय्या करूँगा, बियाबान में नहरें बनाऊँगा ताकि अपनी बर्गुज़ीदा क़ौम को पानी पिलाऊँ। |
21. | जो क़ौम मैं ने अपने लिए तश्कील दी है वह मेरे काम सुना कर मेरी तम्जीद करे। |
22. | ऐ याक़ूब की औलाद, ऐ इस्राईल, बात यह नहीं कि तू ने मुझ से फ़र्याद की, कि तू मेरी मर्ज़ी दरयाफ़्त करने के लिए कोशाँ रहा। |
23. | क्यूँकि न तू ने मेरे लिए अपनी भेड़-बक्रियाँ भस्म कीं, न अपनी ज़बह की क़ुर्बानियों से मेरा एहतिराम किया। न मैं ने ग़ल्ला की नज़रों से तुझ पर बोझ डाला, न बख़ूर की क़ुर्बानी से तंग किया। |
24. | तू ने न मेरे लिए क़ीमती मसाला ख़रीदा, न मुझे अपनी क़ुर्बानियों की चर्बी से ख़ुश किया। इस के बरअक्स तू ने अपने गुनाहों से मुझ पर बोझ डाला और अपनी बुरी हर्कतों से मुझे तंग किया। |
25. | ताहम मैं, हाँ मैं ही अपनी ख़ातिर तेरे जराइम को मिटा देता और तेरे गुनाहों को ज़हन से निकाल देता हूँ। |
26. | जा, कचहरी में मेरे ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दाइर कर! आ, हम दोनों अदालत में हाज़िर हो जाएँ! अपना मुआमला पेश कर ताकि तू बेक़ुसूर साबित हो। |
27. | शुरू में तेरे ख़ान्दान के बानी ने गुनाह किया, और उस वक़्त से ले कर आज तक तेरे नुमाइन्दे मुझ से बेवफ़ा होते आए हैं। |
28. | इस लिए मैं मक़्दिस के बुज़ुर्गों को यूँ रुसवा करूँगा कि उन की मुक़द्दस हालत जाती रहेगी, मैं याक़ूब की औलाद इस्राईल को मुकम्मल तबाही और लान-तान के लिए मख़्सूस करूँगा। |
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