Hosea (4/14)  

1. ऐ इस्राईलियो, रब्ब का कलाम सुनो! क्यूँकि रब्ब का मुल्क के बाशिन्दों से मुक़द्दमा है। “इल्ज़ाम यह है कि मुल्क में न वफ़ादारी, न मेहरबानी और न अल्लाह का इर्फ़ान है।
2. कोसना, झूट बोलना, चोरी और ज़िना करना आम हो गया है। रोज़-ब-रोज़ क़त्ल-ओ-ग़ारत की नई ख़बरें मिलती रहती हैं।
3. इसी लिए मुल्क में काल है और उस के तमाम बाशिन्दे पझ़मुर्दा हो गए हैं। जंगली जानवर, परिन्दे और मछलियाँ भी फ़ना हो रही हैं।
4. लेकिन बिलावजह किसी पर इल्ज़ाम मत लगाना, न ख़्वाह-म-ख़्वाह किसी की तम्बीह करो! ऐ इमामो, मैं तुम ही पर इल्ज़ाम लगाता हूँ।
5. ऐ इमामो, दिन के वक़्त तू ठोकर खा कर गिरेगा, और रात के वक़्त नबी गिर कर तेरे साथ पड़ा रहेगा। मैं तेरी माँ को भी तबाह करूँगा।
6. अफ़्सोस, मेरी क़ौम इस लिए तबाह हो रही है कि वह सहीह इल्म नहीं रखती। और क्या अजब जब तुम इमामों ने यह इल्म रद्द कर दिया है। अब मैं तुम्हें भी रद्द करता हूँ। आइन्दा तुम इमाम की ख़िदमत अदा नहीं करोगे। चूँकि तुम अपने ख़ुदा की शरीअत भूल गए हो इस लिए मैं तुम्हारी औलाद को भी भूल जाऊँगा।
7. इमामों की तादाद जितनी बढ़ती गई उतना ही वह मेरा गुनाह करते गए। उन्हों ने अपनी इज़्ज़त ऐसी चीज़ के इवज़ छोड़ दी जो रुस्वाई का बाइस है।
8. मेरी क़ौम के गुनाह उन की ख़ुराक हैं, और वह इस लालच में रहते हैं कि लोगों का क़ुसूर मज़ीद बढ़ जाए।
9. चुनाँचे इमामों और क़ौम के साथ एक जैसा सुलूक किया जाएगा। दोनों को मैं उन के चाल-चलन की सज़ा दूँगा, दोनों को उन की हर्कतों का अज्र दूँगा।
10. खाना तो वह खाएँगे लेकिन सेर नहीं होंगे। ज़िना भी करते रहेंगे, लेकिन बेफ़ाइदा। इस से उन की तादाद नहीं बढ़ेगी। क्यूँकि उन्हों ने रब्ब का ख़याल करना छोड़ दिया है।
11. ज़िना करने और नई और पुरानी मै पीने से लोगों की अक़ल जाती रहती है।
12. मेरी क़ौम लकड़ी से दरयाफ़्त करती है कि क्या करना है, और उस की लाठी उसे हिदायत देती है। क्यूँकि ज़िनाकारी की रूह ने उन्हें भटका दिया है, ज़िना करते करते वह अपने ख़ुदा से कहीं दूर हो गए हैं।
13. वह पहाड़ों की चोटियों पर अपने जानवरों को क़ुर्बान करते हैं और पहाड़ियों पर चढ़ कर बलूत, सफ़ेदा या किसी और दरख़्त के ख़ुशगवार साय में बख़ूर की क़ुर्बानियाँ पेश करते हैं। इसी लिए तुम्हारी बेटियाँ इस्मतफ़रोश बन गई हैं, और तुम्हारी बहूएँ ज़िना करती हैं।
14. लेकिन मैं उन्हें उन की इस्मतफ़रोशी और ज़िनाकारी की सज़ा क्यूँ दूँ जबकि तुम मर्द कस्बियों से सोह्बत रखते और देवताओं की ख़िदमत में इस्मतफ़रोशी करने वाली औरतों के साथ क़ुर्बानियाँ चढ़ाते हो? ऐसी हर्कतों से नासमझ क़ौम तबाह हो रही है।
15. ऐ इस्राईल, तू इस्मतफ़रोश है, लेकिन यहूदाह ख़बरदार रहे कि वह इस जुर्म में मुलव्वस न हो जाए। इस्राईल के शहरों जिल्जाल और बैत-आवन की क़ुर्बानगाहों के पास मत जाना। ऐसी जगहों पर रब्ब का नाम ले कर उस की हयात की क़सम खाना मना है।
16. इस्राईल तो ज़िद्दी गाय की तरह अड़ गया है। तो फिर रब्ब उन्हें किस तरह सब्ज़ाज़ार में भेड़ के बच्चों की तरह चरा सकता है?
17. इस्राईल तो बुतों का इत्तिहादी है, उसे छोड़ दे!
18. यह लोग शराब की महफ़िल से फ़ारिग़ हो कर ज़िनाकारी में लग जाते हैं। वह नाजाइज़ मुहब्बत करते करते कभी नहीं थकते। लेकिन इस का अज्र उन की अपनी बेइज़्ज़ती है।
19. आँधी उन्हें अपनी लपेट में ले कर उड़ा ले जाएगी, और वह अपनी क़ुर्बानियों के बाइस शर्मिन्दा हो जाएँगे।

  Hosea (4/14)