Hosea (11/14)  

1. रब्ब फ़रमाता है, “इस्राईल अभी लड़का था जब मैं ने उसे पियार किया, जब मैं ने अपने बेटे को मिस्र से बुलाया।
2. लेकिन बाद में जितना ही मैं उन्हें बुलाता रहा उतना ही वह मुझ से दूर होते गए। वह बाल देवताओं के लिए जानवर चढ़ाने, बुतों के लिए बख़ूर जलाने लगे।
3. मैं ने ख़ुद इस्राईल को चलने की तर्बियत दी, बार बार उन्हें गोद में उठा कर लिए फिरा। लेकिन वह न समझे कि मैं ही उन्हें शिफ़ा देने वाला हूँ।
4. मैं उन्हें खैंचता रहा, लेकिन ऐसे रस्सों से नहीं जो इन्सान बर्दाश्त न कर सके बल्कि शफ़्क़त भरे रस्सों से। मैं ने उन के गले पर का जूआ हल्का कर दिया और नर्मी से उन्हें ख़ुराक खिलाई।
5. क्या उन्हें मुल्क-ए-मिस्र वापस नहीं जाना पड़ेगा? बल्कि असूर ही उन का बादशाह बनेगा, इस लिए कि वह मेरे पास वापस आने के लिए तय्यार नहीं।
6. तल्वार उन के शहरों में घूम घूम कर ग़ैबदानों को हलाक करेगी और लोगों को उन के ग़लत मश्वरों के सबब से खाती जाएगी।
7. लेकिन मेरी क़ौम मुझे तर्क करने पर तुली हुई है। जब उसे ऊपर अल्लाह की तरफ़ देखने को कहा जाए तो उस में से कोई भी उस तरफ़ रुजू नहीं करता।
8. ऐ इस्राईल, मैं तुझे किस तरह छोड़ सकता हूँ? मैं तुझे किस तरह दुश्मन के हवाले कर सकता, किस तरह अदमा की तरह दूसरों के क़ब्ज़े में छोड़ सकता, किस तरह ज़बोईम की तरह तबाह कर सकता हूँ? मेरा इरादा सरासर बदल गया है, मैं तुझ पर शफ़्क़त करने के लिए बेचैन हूँ।
9. न मैं अपना सख़्त ग़ज़ब नाज़िल करूँगा, न दुबारा इस्राईल को बर्बाद करूँगा। क्यूँकि मैं इन्सान नहीं बल्कि ख़ुदा हूँ, वह क़ुद्दूस जो तेरे दर्मियान सुकूनत करता है। मैं ग़ज़ब में नहीं आऊँगा।
10. उस वक़्त वह रब्ब के पीछे ही चलेंगे। तब वह शेरबबर की तरह दहाड़ेगा। और जब दहाड़ेगा तो उस के फ़र्ज़न्द मग़रिब से लरज़ते हुए वापस आएँगे।
11. वह परिन्दों की तरह फड़फड़ाते हुए मिस्र से आएँगे, थरथराते कबूतरों की तरह असूर से लौटेंगे। फिर मैं उन्हें उन के घरों में बसा दूँगा। यह मेरा, रब्ब का फ़रमान है।
12. इस्राईल ने मुझे झूट से घेर लिया, फ़रेब से मेरा मुहासरा कर लिया है। लेकिन यहूदाह भी मज़्बूती से अल्लाह के साथ नहीं है बल्कि आवारा फिरता है, हालाँकि क़ुद्दूस ख़ुदा वफ़ादार है।”

  Hosea (11/14)