Hebrews (1/13) → |
1. | माज़ी में अल्लाह मुख़्तलिफ़ मौक़ों पर और कई तरीक़ों से हमारे बापदादा से हमकलाम हुआ। उस वक़्त उस ने यह नबियों के वसीले से किया |
2. | लेकिन इन आख़िरी दिनों में वह अपने फ़र्ज़न्द के वसीले से हम से हमकलाम हुआ, उसी के वसीले से जिसे उस ने सब चीज़ों का वारिस बना दिया और जिस के वसीले से उस ने काइनात को भी ख़लक़ किया। |
3. | फ़र्ज़न्द अल्लाह का शानदार जलाल मुनअकिस करता और उस की ज़ात की ऐन शबीह है। वह अपने क़वी कलाम से सब कुछ सँभाले रखता है। जब वह दुनिया में था तो उस ने हमारे लिए गुनाहों से पाक-साफ़ हो जाने का इन्तिज़ाम क़ाइम किया। इस के बाद वह आस्मान पर क़ादिर-ए-मुतलक़ के दहने हाथ जा बैठा। |
4. | फ़र्ज़न्द फ़रिश्तों से कहीं अज़ीम है, इतना जितना उस का मीरास में पाया हुआ नाम उन के नामों से अज़ीम है। |
5. | क्यूँकि अल्लाह ने किस फ़रिश्ते से कभी कहा, “तू मेरा फ़र्ज़न्द है, आज मैं तेरा बाप बन गया हूँ।” यह भी उस ने किसी फ़रिश्ते के बारे में कभी नहीं कहा, “मैं उस का बाप हूँगा और वह मेरा फ़र्ज़न्द होगा।” |
6. | और जब अल्लाह अपने पहलौठे फ़र्ज़न्द को आस्मानी दुनिया में लाता है तो वह फ़रमाता है, “अल्लाह के तमाम फ़रिश्ते उस की परस्तिश करें।” |
7. | फ़रिश्तों के बारे में वह फ़रमाता है, “वह अपने फ़रिश्तों को हवाएँ और अपने ख़ादिमों को आग के शोले बना देता है।” |
8. | लेकिन फ़र्ज़न्द के बारे में वह कहता है, “ऐ ख़ुदा, तेरा तख़्त अज़ल से अबद तक क़ाइम-ओ-दाइम रहेगा, और इन्साफ़ का शाही असा तेरी बादशाही पर हुकूमत करेगा। |
9. | तू ने रास्तबाज़ी से मुहब्बत और बेदीनी से नफ़रत की, इस लिए अल्लाह तेरे ख़ुदा ने तुझे ख़ुशी के तेल से मसह करके तुझे तेरे साथियों से कहीं ज़ियादा सरफ़राज़ कर दिया।” |
10. | वह यह भी फ़रमाता है, “ऐ रब्ब, तू ने इबतिदा में दुनिया की बुन्याद रखी, और तेरे ही हाथों ने आस्मानों को बनाया। |
11. | यह तो तबाह हो जाएँगे, लेकिन तू क़ाइम रहेगा। यह सब लिबास की तरह घिस फट जाएँगे |
12. | और तू इन्हें चादर की तरह लपेटेगा, पुराने कपड़े की तरह यह बदले जाएँगे। लेकिन तू वही का वही रहता है, और तेरी ज़िन्दगी कभी ख़त्म नहीं होती।” |
13. | अल्लाह ने कभी भी अपने किसी फ़रिश्ते से यह बात न कही, “मेरे दहने हाथ बैठ, जब तक मैं तेरे दुश्मनों को तेरे पाँओ की चौकी न बना दूँ।” |
14. | फिर फ़रिश्ते क्या हैं? वह तो सब ख़िदमतगुज़ार रूहें हैं जिन्हें अल्लाह उन की ख़िदमत करने के लिए भेज देता है जिन्हें मीरास में नजात पानी है। |
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