Daniel (8/12)  

1. बेल्शज़्ज़र बादशाह के दौर-ए-हुकूमत के तीसरे साल में मैं, दान्याल ने एक और रोया देखी।
2. रोया में मैं सूबा ऐलाम के क़िलआबन्द शहर सोसन की नहर ऊलाई के किनारे पर खड़ा था।
3. जब मैं ने अपनी निगाह उठाई तो किनारे पर मेरे सामने ही एक मेंढा खड़ा था। उस के दो बड़े सींग थे जिन में से एक ज़ियादा बड़ा था। लेकिन वह दूसरे के बाद ही बड़ा हो गया था।
4. मेरी नज़रों के सामने मेंढा मग़रिब, शिमाल और जुनूब की तरफ़ सींग मारने लगा। न कोई जानवर उस का मुक़ाबला कर सका, न कोई उस के क़ाबू से बचा सका। जो जी चाहे करता था और होते होते बहुत बड़ा हो गया।
5. मैं उस पर ग़ौर ही कर रहा था कि अचानक मग़रिब से आते हुए एक बक्रा दिखाई दिया। उस की आँखों के दर्मियान ज़बरदस्त सींग था, और वह ज़मीन को छुए बग़ैर चल रहा था। पूरी दुनिया को उबूर करके
6. वह दो सींगों वाले उस मेंढे के पास पहुँच गया जो मैं ने नहर के किनारे खड़ा देखा था। बड़े तैश में आ कर वह उस पर टूट पड़ा।
7. मैं ने देखा कि वह मेंढे के पहलू से टकरा गया। बड़े ग़ुस्से में उस ने उसे यूँ मारा कि मेंढे के दोनों सींग टुकड़े टुकड़े हो गए। इस बेबस हालत में मेंढा उस का मुक़ाबला न कर सका। बक्रे ने उसे ज़मीन पर पटख़ कर पाँओ तले कुचल दिया। कोई नहीं था जो मेंढे को बक्रे के क़ाबू से बचाए।
8. बक्रा निहायत ताक़तवर हो गया। लेकिन ताक़त के उरूज पर ही उस का बड़ा सींग टूट गया, और उस की जगह मज़ीद चार ज़बरदस्त सींग निकल आए जिन का रुख़ आस्मान की चार सिम्तों की तरफ़ था।
9. उन के एक सींग में से एक और सींग निकल आया जो इबतिदा में छोटा था। लेकिन वह जुनूब, मशरिक़ और ख़ूबसूरत मुल्क इस्राईल की तरफ़ बढ़ते बढ़ते बहुत ताक़तवर हो गया।
10. फिर वह आस्मानी फ़ौज तक बढ़ गया। वहाँ उस ने कुछ फ़ौजियों और सितारों को ज़मीन पर फैंक कर पाँओ तले कुचल दिया।
11. वह बढ़ते बढ़ते आस्मानी फ़ौज के कमाँडर तक भी पहुँच गया और उसे उन क़ुर्बानियों से महरूम कर दिया जो उसे रोज़ाना पेश की जाती थीं। साथ साथ सींग ने उस के मक़्दिस के मक़ाम को तबाह कर दिया।
12. उस की फ़ौज से रोज़ाना की क़ुर्बानियों की बेहुरमती हुई, और सींग ने सच्चाई को ज़मीन पर पटख़ दिया। जो कुछ भी उस ने किया उस में वह काम्याब रहा।
13. फिर मैं ने दो मुक़द्दस हस्तियों को आपस में बात करते हुए सुना। एक ने पूछा, “इस रोया में पेश किए गए हालात कब तक क़ाइम रहेंगे, यानी जो कुछ रोज़ाना की क़ुर्बानियों के साथ हो रहा है, यह तबाहकुन बेहुरमती और यह बात कि मक़्दिस को पामाल किया जा रहा है?”
14. दूसरे ने जवाब में मुझे बताया, “हालात 2,300 शामों और सुब्हों तक यूँ ही रहेंगे। इस के बाद मक़्दिस को नए सिरे से मख़्सूस-ओ-मुक़द्दस किया जाएगा।”
15. मैं देखे हुए वाक़िआत को समझने की कोशिश कर ही रहा था कि कोई मेरे सामने खड़ा हुआ जो मर्द जैसा लग रहा था।
16. साथ साथ मैं ने नहर ऊलाई की तरफ़ से किसी शख़्स की आवाज़ सुनी जिस ने कहा, “ऐ जिब्राईल, इस आदमी को रोया का मतलब बता दे।”
17. फ़रिश्ता मेरे क़रीब आया तो मैं सख़्त घबरा कर मुँह के बल गिर गया। लेकिन वह बोला, “ऐ आदमज़ाद, जान ले कि इस रोया का ताल्लुक़ आख़िरी ज़माने से है।”
18. जब वह मुझ से बात कर रहा था तो मैं मदहोश हालत में मुँह के बल पड़ा रहा। अब फ़रिश्ते ने मुझे छू कर पाँओ पर खड़ा किया।
19. वह बोला, “मैं तुझे समझा देता हूँ कि उस आख़िरी ज़माने में क्या कुछ पेश आएगा जब अल्लाह का ग़ज़ब नाज़िल होगा। क्यूँकि रोया का ताल्लुक़ आख़िरी ज़माने से है।
20. दो सींगों के जिस मेंढे को तू ने देखा वह मादी और फ़ार्स के बादशाहों की नुमाइन्दगी करता है।
21. लम्बे बालों का बक्रा यूनान का बादशाह है। उस की आँखों के दर्मियान लगा बड़ा सींग यूनानी शहनशाही का पहला बादशाह है।
22. तू ने देखा कि यह सींग टूट गया और उस की जगह चार सींग निकल आए। इस का मतलब है कि पहली बादशाही से चार और निकल आएँगी । लेकिन चारों की ताक़त पहली की निस्बत कम होगी।
23. उन की हुकूमत के आख़िरी अय्याम में बेवफ़ाओं की बदकिर्दारी उरूज तक पहुँच गई होगी। उस वक़्त एक गुस्ताख़ और साज़िश का माहिर बादशाह तख़्त पर बैठेगा।
24. वह बहुत ताक़तवर हो जाएगा, लेकिन यह उस की अपनी ताक़त नहीं होगी। वह हैरतअंगेज़ बर्बादी का बाइस बनेगा, और जो कुछ भी करेगा उस में काम्याब होगा। वह ज़ोरावरों और मुक़द्दस क़ौम को तबाह करेगा।
25. अपनी समझ और फ़रेब के ज़रीए वह काम्याब रहेगा। तब वह मुतकब्बिर हो जाएगा। जब लोग अपने आप को मह्फ़ूज़ समझेंगे तो वह उन्हें मौत के घाट उतारेगा। आख़िरकार वह हुक्मरानों के हुक्मरान के ख़िलाफ़ भी उठेगा। लेकिन वह पाश पाश हो जाएगा, अलबत्ता इन्सानी हाथ से नहीं।
26. ऐ दान्याल, शामों और सुब्हों के बारे में जो रोया तुझ पर ज़ाहिर हुई वह सच्ची है। लेकिन फ़िलहाल उसे पोशीदा रख, क्यूँकि यह वाक़िआत अभी पेश नहीं आएँगे बल्कि बहुत दिनों के गुज़र जाने के बाद ही।”
27. इस के बाद मैं, दान्याल निढाल हो कर कई दिनों तक बीमार रहा। फिर मैं उठा और बादशाह की ख़िदमत में दुबारा अपने फ़राइज़ अदा करने लगा। मैं रोया से सख़्त परेशान था, और कोई नहीं था जो मुझे उस का मतलब बता सके।

  Daniel (8/12)