Daniel (7/12)  

1. शाह-ए-बाबल बेल्शज़्ज़र की हुकूमत के पहले साल में दान्याल ने ख़्वाब में रोया देखी। जाग उठने पर उस ने वह कुछ क़लमबन्द कर लिया जो ख़्वाब में देखा था। ज़ैल में इस का बयान है,
2. रात के वक़्त मैं, दान्याल ने रोया में देखा कि आस्मान की चारों हवाएँ ज़ोर से बड़े समुन्दर को मुतलातिम कर रही हैं।
3. फिर चार बड़े जानवर समुन्दर से निकल आए जो एक दूसरे से मुख़्तलिफ़ थे।
4. पहला जानवर शेरबबर जैसा था, लेकिन उस के उक़ाब के पर थे। मेरे देखते ही उस के परों को नोच लिया गया और उसे उठा कर इन्सान की तरह पिछले दो पैरों पर खड़ा किया गया। उसे इन्सान का दिल भी मिल गया।
5. दूसरा जानवर रीछ जैसा था। उस का एक पहलू खड़ा किया गया था, और वह अपने दाँतों में तीन पसलियाँ पकड़े हुए था। उसे बताया गया, “उठ, जी भर कर गोश्त खा ले!”
6. फिर मैं ने तीसरे जानवर को देखा। वह चीते जैसा था, लेकिन उस के चार सर थे। उसे हुकूमत करने का इख़तियार दिया गया।
7. इस के बाद रात की रोया में एक चौथा जानवर नज़र आया जो डराऔना, हौलनाक और निहायत ही ताक़तवर था। अपने लोहे के बड़े बड़े दाँतों से वह सब कुछ खाता और चूर चूर करता था। जो कुछ बच जाता उसे वह पाँओ तले रौंद देता था। यह जानवर दीगर जानवरों से मुख़्तलिफ़ था। उस के दस सींग थे।
8. मैं सींगों पर ग़ौर ही कर रहा था कि एक और छोटा सा सींग उन के दर्मियान से निकल आया। पहले दस सींगों में से तीन को नोच लिया गया ताकि उसे जगह मिल जाए। छोटे सींग पर इन्सानी आँखें थीं, और उस का मुँह बड़ी बड़ी बातें करता था।
9. मैं देख ही रहा था कि तख़्त लगाए गए और क़दीम-उल-अय्याम बैठ गया। उस का लिबास बर्फ़ जैसा सफ़ेद और उस के बाल ख़ालिस ऊन की मानिन्द थे। जिस तख़्त पर वह बैठा था वह आग की तरह भड़क रहा था, और उस पर शोलाज़न पहिए लगे थे।
10. उस के सामने से आग की नहर बह कर निकल रही थी। बेशुमार हस्तियाँ उस की ख़िदमत के लिए खड़ी थीं। लोग अदालत के लिए बैठ गए, और किताबें खोली गईं।
11. मैं ने ग़ौर किया कि छोटा सींग बड़ी बड़ी बातें कर रहा है। मैं देखता रहा तो चौथे जानवर को क़त्ल किया गया। उस का जिस्म तबाह हुआ और भड़कती आग में फैंका गया।
12. दीगर तीन जानवरों की हुकूमत उन से छीन ली गई, लेकिन उन्हें कुछ देर के लिए ज़िन्दा रहने की इजाज़त दी गई।
13. रात की रोया में मैं ने यह भी देखा कि आस्मान के बादलों के साथ साथ कोई आ रहा है जो इब्न-ए-आदम सा लग रहा है। जब क़दीम-उल-अय्याम के क़रीब पहुँचा तो उस के हुज़ूर लाया गया।
14. उसे सल्तनत, इज़्ज़त और बादशाही दी गई, और हर क़ौम, उम्मत और ज़बान के अफ़राद ने उस की परस्तिश की। उस की हुकूमत अबदी है और कभी ख़त्म नहीं होगी। उस की बादशाही कभी तबाह नहीं होगी।
15. मैं, दान्याल सख़्त परेशान हुआ, क्यूँकि रोया से मुझ पर दह्शत छा गई थी।
16. इस लिए मैं ने वहाँ खड़े किसी के पास जा कर उस से गुज़ारिश की कि वह मुझे इन तमाम बातों का मतलब बताए। उस ने मुझे इन का मतलब बताया,
17. “चार बड़े जानवर चार सल्तनतें हैं जो ज़मीन से निकल कर क़ाइम हो जाएँगी।
18. लेकिन अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन को हक़ीक़ी बादशाही मिलेगी, वह बादशाही जो अबद तक हासिल रहेगी।”
19. मैं चौथे जानवर के बारे में मज़ीद जानना चाहता था, उस जानवर के बारे में जो दीगर जानवरों से इतना मुख़्तलिफ़ और इतना हौलनाक था। क्यूँकि उस के दाँत लोहे और पंजे पीतल के थे, और वह सब कुछ खाता और चूर चूर करता था। जो बच जाता उसे वह पाँओ तले रौंद देता था।
20. मैं उस के सर के दस सींगों और उन में से निकले हुए छोटे सींग के बारे में भी मज़ीद जानना चाहता था। क्यूँकि छोटे सींग के निकलने पर दस सींगों में से तीन निकल कर गिर गए, और यह सींग बढ़ कर साथ वाले सींगों से कहीं बड़ा नज़र आया। उस की आँखें थीं, और उस का मुँह बड़ी बड़ी बातें करता था।
21. रोया में मैं ने देखा कि छोटे सींग ने मुक़द्दसीन से जंग करके उन्हें शिकस्त दी।
22. लेकिन फिर क़दीम-उल-अय्याम आ पहुँचा और अल्लाह तआला के मुक़द्दसीन के लिए इन्साफ़ क़ाइम किया। फिर वह वक़्त आया जब मुक़द्दसीन को बादशाही हासिल हुई।
23. जिस से मैं ने रोया का मतलब पूछा था उस ने कहा, “चौथे जानवर से मुराद ज़मीन पर एक चौथी बादशाही है जो दीगर तमाम बादशाहियों से मुख़्तलिफ़ होगी। वह तमाम दुनिया को खा जाएगी, उसे रौंद कर चूर चूर कर देगी।
24. दस सींगों से मुराद दस बादशाह हैं जो इस बादशाही से निकल आएँगे। उन के बाद एक और बादशाह आएगा जो गुज़रे बादशाहों से मुख़्तलिफ़ होगा और तीन बादशाहों को ख़ाक में मिला देगा।
25. वह अल्लाह तआला के ख़िलाफ़ कुफ़्र बकेगा, और मुक़द्दसीन उस के तहत पिसते रहेंगे, यहाँ तक कि वह ईदों के मुक़र्ररा औक़ात और शरीअत को तब्दील करने की कोशिश करेगा। मुक़द्दसीन को एक अर्से, दो उर्सों और आधे अर्से के लिए उस के हवाले किया जाएगा।
26. लेकिन फिर लोग उस की अदालत के लिए बैठ जाएँगे। उस की हुकूमत उस से छीन ली जाएगी, और वह मुकम्मल तौर पर तबाह हो जाएगी।
27. तब आस्मान तले की तमाम सल्तनतों की बादशाहत, सल्तनत और अज़्मत अल्लाह तआला की मुक़द्दस क़ौम के हवाले कर दी जाएगी। अल्लाह तआला की बादशाही अबदी होगी, और तमाम हुक्मरान उस की ख़िदमत करके उस के ताबे रहेंगे।”
28. मुझे मज़ीद कुछ नहीं बताया गया। मैं, दान्याल इन बातों से बहुत परेशान हुआ, और मेरा चिहरा माँद पड़ गया, लेकिन मैं ने मुआमला अपने दिल में मह्फ़ूज़ रखा।

  Daniel (7/12)