Amos (2/9)  

1. रब्ब फ़रमाता है, “मोआब के बाशिन्दों ने बार बार गुनाह किया है, इस लिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्यूँकि उन्हों ने अदोम के बादशाह की हड्डियों को जला कर राख कर दिया है।
2. चुनाँचे मैं मुल्क-ए-मोआब पर आग नाज़िल करूँगा, और क़रियोत के महल नज़र-ए-आतिश हो जाएँगे। जंग का शोर-शराबा मचेगा, फ़ौजियों के नारे बुलन्द हो जाएँगे, नरसिंगा फूँका जाएगा। तब मोआब हलाक हो जाएगा।
3. मैं उस के हुक्मरान को उस के तमाम अफ़्सरों समेत हलाक कर दूँगा।” यह रब्ब का फ़रमान है।
4. रब्ब फ़रमाता है, “यहूदाह के बाशिन्दों ने बार बार गुनाह किया है, इस लिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्यूँकि उन्हों ने रब्ब की शरीअत को रद्द करके उस के अह्काम पर अमल नहीं किया। उन के झूटे देवता उन्हें ग़लत राह पर ले गए हैं, वह देवता जिन की पैरवी उन के बापदादा भी करते रहे।
5. चुनाँचे मैं यहूदाह पर आग नाज़िल करूँगा, और यरूशलम के महल नज़र-ए-आतिश हो जाएँगे।”
6. रब्ब फ़रमाता है, “इस्राईल के बाशिन्दों ने बार बार गुनाह किया है, इस लिए मैं उन्हें सज़ा दिए बग़ैर नहीं छोड़ूँगा। क्यूँकि वह शरीफ़ लोगों को पैसे के लिए बेचते और ज़रूरतमन्दों को फ़रोख़्त करते हैं ताकि एक जोड़ी जूते मिल जाए।
7. वह ग़रीबों के सर को ज़मीन पर कुचल देते, मुसीबतज़दों को इन्साफ़ मिलने से रोकते हैं। बाप और बेटा दोनों एक ही कस्बी के पास जा कर मेरे नाम की बेहुरमती करते हैं।
8. जब कभी किसी क़ुर्बानगाह के पास पूजा करने जाते हैं तो ऐसे कपड़ों पर आराम करते हैं जो क़र्ज़दारों ने ज़मानत के तौर पर दिए थे। जब कभी अपने देवता के मन्दिर में जाते तो ऐसे पैसों से मै ख़रीद कर पीते हैं जो जुर्माना के तौर पर ज़रूरतमन्दों से मिल गए थे।
9. यह कैसी बात है? मैं ही ने अमोरियों को उन के आगे आगे नेस्त कर दिया था, हालाँकि वह देओदार के दरख़्तों जैसे लम्बे और बलूत के दरख़्तों जैसे ताक़तवर थे। मैं ही ने अमोरियों को जड़ों और फल समेत मिटा दिया था।
10. इस से पहले मैं ही तुम्हें मिस्र से निकाल लाया, मैं ही ने चालीस साल तक रेगिस्तान में तुम्हारी राहनुमाई करते करते तुम्हें अमोरियों के मुल्क तक पहुँचाया ताकि उस पर क़ब्ज़ा करो।
11. मैं ही ने तुम्हारे बेटों में से नबी बरपा किए, और मैं ही ने तुम्हारे नौजवानों में से कुछ चुन लिए ताकि अपनी ख़िदमत के लिए मख़्सूस करूँ।” रब्ब फ़रमाता है, “ऐ इस्राईलियो, क्या ऐसा नहीं था?
12. लेकिन तुम ने मेरे लिए मख़्सूस आदमियों को मै पिलाई और नबियों को हुक्म दिया कि नुबुव्वत मत करो।
13. अब मैं होने दूँगा कि तुम अनाज से ख़ूब लदी हुई बैलगाड़ी की तरह झूलने लगोगे।
14. न तेज़रौ शख़्स भाग कर बचेगा, न ताक़तवर आदमी कुछ कर पाएगा। न सूर्मा अपनी जान बचाएगा,
15. न तीर चलाने वाला क़ाइम रहेगा। कोई नहीं बचेगा, ख़्वाह पैदल दौड़ने वाला हो या घोड़े पर सवार।
16. उस दिन सब से बहादुर सूर्मा भी हथियार डाल कर नंगी हालत में भाग जाएगा।” यह रब्ब का फ़रमान है।

  Amos (2/9)