3John (1/1)    

1. यह ख़त बुज़ुर्ग यूहन्ना की तरफ़ से है। मैं अपने अज़ीज़ गयुस को लिख रहा हूँ जिसे मैं सच्चाई से पियार करता हूँ।
2. मेरे अज़ीज़, मेरी दुआ है कि आप का हाल हर तरह से ठीक हो और आप जिस्मानी तौर पर उतने ही तन्दुरुस्त हों जितने आप रुहानी लिहाज़ से हैं।
3. क्यूँकि मैं निहायत ख़ुश हुआ जब भाइयों ने आ कर गवाही दी कि आप किस तरह सच्चाई के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारते हैं। और यक़ीनन आप हमेशा सच्चाई के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ारते हैं।
4. जब मैं सुनता हूँ कि मेरे बच्चे सच्चाई के मुताबिक़ ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं तो यह मेरे लिए सब से ज़ियादा ख़ुशी का बाइस होता है।
5. मेरे अज़ीज़, जो कुछ आप भाइयों के लिए कर रहे हैं उस में आप वफ़ादारी दिखा रहे हैं, हालाँकि वह आप के जानने वाले नहीं हैं।
6. उन्हों ने ख़ुदा की जमाअत के सामने ही आप की मुहब्बत की गवाही दी है। मेहरबानी करके उन की सफ़र के लिए यूँ मदद करें कि अल्लाह ख़ुश हो।
7. क्यूँकि वह मसीह के नाम की ख़ातिर सफ़र के लिए निकले हैं और ग़ैरईमानदारों से मदद नहीं लेते।
8. चुनाँचे यह हमारा फ़र्ज़ है कि हम ऐसे लोगों की मेहमान-नवाज़ी करें, क्यूँकि यूँ हम भी सच्चाई के हमख़िदमत बन जाते हैं।
9. मैं ने तो जमाअत को कुछ लिख दिया था, लेकिन दियुत्रिफ़ेस जो उन में अव्वल होने की ख़्वाहिश रखता है हमें क़बूल नहीं करता।
10. चुनाँचे मैं जब आऊँगा तो उसे उन बुरी हर्कतों की याद दिलाऊँगा जो वह कर रहा है, क्यूँकि वह हमारे ख़िलाफ़ बुरी बातें बक रहा है। और न सिर्फ़ यह बल्कि वह भाइयों को ख़ुशआमदीद कहने से भी इन्कार करता है। जब दूसरे यह करना चाहते हैं तो वह उन्हें रोक कर जमाअत से निकाल देता है।
11. मेरे अज़ीज़, जो बुरा है उस की नक़ल मत करना बल्कि उस की करना जो अच्छा है। जो अच्छा काम करता है वह अल्लाह से है। लेकिन जो बुरा काम करता है उस ने अल्लाह को नहीं देखा।
12. सब लोग देमेत्रियुस की अच्छी गवाही देते हैं बल्कि सच्चाई ख़ुद भी उस की अच्छी गवाही देती है। हम भी इस के गवाह हैं, और आप जानते हैं कि हमारी गवाही सच्ची है।
13. मुझे आप को बहुत कुछ लिखना था, लेकिन यह ऐसी बातें हैं जो मैं क़लम और सियाही के ज़रीए आप को नहीं बता सकता।
14. मैं जल्द ही आप से मिलने की उम्मीद रखता हूँ। फिर हम रू-ब-रू बात करेंगे। सलामती आप के साथ होती रहे। यहाँ के दोस्त आप को सलाम कहते हैं। वहाँ के हर दोस्त को शख़्सी तौर पर हमारा सलाम दें।

      3John (1/1)