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1. | भाइयो, यह सवाल उठा है कि हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह की आमद कैसी होगी? हम किस तरह उस के साथ जमा हो जाएँगे? इस नाते से हमारी आप से दरख़्वास्त है |
2. | कि जब लोग कहते हैं कि ख़ुदावन्द का दिन आ चुका है तो आप जल्दी से बेचैन या परेशान न हो जाएँ। उन की बात न मानें, चाहे वह यह दावा भी करें कि उन के पास हमारी तरफ़ से कोई नुबुव्वत, पैग़ाम या ख़त है। |
3. | कोई भी आप को किसी भी चाल से फ़रेब न दे, क्यूँकि यह दिन उस वक़्त तक नहीं आएगा जब तक आख़िरी बग़ावत पेश न आए और “बेदीनी का आदमी” ज़ाहिर न हो जाए, वह जिस का अन्जाम हलाकत होगा। |
4. | वह हर एक की मुख़ालफ़त करेगा जो अल्लाह और माबूद कहलाता है और अपने आप को उन सब से बड़ा ठहराएगा। हाँ, वह अल्लाह के घर में बैठ कर एलान करेगा, “मैं अल्लाह हूँ।” |
5. | क्या आप को याद नहीं कि मैं आप को यह बताता रहा जब अभी आप के पास था? |
6. | और अब आप जानते हैं कि क्या कुछ उसे रोक रहा है ताकि वह अपने मुक़र्ररा वक़्त पर ज़ाहिर हो जाए। |
7. | क्यूँकि यह पुरअस्रार बेदीनी अब भी असर कर रही है। लेकिन यह उस वक़्त तक ज़ाहिर नहीं होगी जब तक वह शख़्स हट न जाए जो अब तक उसे रोक रहा है। |
8. | फिर ही “बेदीनी का आदमी” ज़ाहिर होगा। लेकिन जब ख़ुदावन्द ईसा आएगा तो वह उसे अपने मुँह की फूँक से मार डालेगा, ज़ाहिर होने पर ही वह उसे हलाक कर देगा। |
9. | “बेदीनी के आदमी” में इब्लीस काम करेगा। जब वह आएगा तो हर क़िस्म की ताक़त का इज़्हार करेगा। वह झूटे निशान और मोजिज़े पेश करेगा। |
10. | यूँ वह उन्हें हर तरह के शरीर फ़रेब में फंसाएगा जो हलाक होने वाले हैं। लोग इस लिए हलाक हो जाएँगे कि उन्हों ने सच्चाई से मुहब्बत करने से इन्कार किया, वर्ना वह बच जाते। |
11. | इस वजह से अल्लाह उन्हें बुरी तरह से फ़रेब में फंसने देता है ताकि वह इस झूट पर ईमान लाएँ। |
12. | नतीजे में सब जो सच्चाई पर ईमान न लाए बल्कि नारास्ती से लुत्फ़अन्दोज़ हुए मुज्रिम ठहरेंगे। |
13. | मेरे भाइयो, वाजिब है कि हम हर वक़्त आप के लिए ख़ुदा का शुक्र करें जिन्हें ख़ुदावन्द पियार करता है। क्यूँकि अल्लाह ने आप को शुरू ही से नजात पाने के लिए चुन लिया, ऐसी नजात के लिए जो रूह-उल-क़ुद्स से पाकीज़गी पा कर सच्चाई पर ईमान लाने से हासिल होती है। |
14. | अल्लाह ने आप को उस वक़्त यह नजात पाने के लिए बुला लिया जब हम ने आप को उस की ख़ुशख़बरी सुनाई। और अब आप हमारे ख़ुदावन्द ईसा मसीह के जलाल में शरीक हो सकते हैं। |
15. | भाइयो, इस लिए साबितक़दम रहें और उन रिवायात को थामे रखें जो हम ने आप को सिखाई हैं, ख़्वाह ज़बानी या ख़त के ज़रीए। |
16. | हमारा ख़ुदावन्द ईसा मसीह ख़ुद और ख़ुदा हमारा बाप जिस ने हम से मुहब्बत रखी और अपने फ़ज़्ल से हमें अबदी तसल्ली और ठोस उम्मीद बख़्शी |
17. | आप की हौसलाअफ़्ज़ाई करे और यूँ मज़्बूत करे कि आप हमेशा वह कुछ बोलें और करें जो अच्छा है। |
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